बाबरी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्‍द सुनवाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने आज ‘बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद’ पर सुनवाई के दौरान इस मामले पर जल्द सुनवाई करने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्‍द सुनवाई संभव नहीं है। साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई की कोई तारीख नहीं बताई है।

दरअसल बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए स्वामी को पक्षकार न मानते हुए और वक्त की कमी जाहिर करते हुए जल्द सुनवाई की मांग से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस मामले के पक्षकारों ने कहा कि स्वामी इस केस में पार्टी नहीं हैं। कोर्ट ने स्वामी से कहा कि आपने हमें बताया नहीं कि आप मुख्य मामले में पार्टी नहीं हैं। स्वामी से स्वीकार किया कि वह पक्षकार नहीं है, हालांकि उनके लिए यह धार्मिक आस्था का मामला है।

स्वामी ने कोर्ट से कहा कि उन्हें प्रॉपर्टी से मतलब नहीं है, उन्होंने बस पूजा करने के अपने संवैधानिक अधिकार के तहत यह याचिका दायर की है। चीफ जस्टिस ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मामले पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया।

बता दें कि रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के एक मुख्य याचिकाकर्ता हामिद अंसारी के बेटे ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा सभी संबंधित पक्षों को जानकारी दिये बिना मामले की तत्काल सुनवाई की मांग पर आपत्ति जताई थी।

मोहम्मद हाशिम अंसारी के बेटे ने शीर्ष अदालत के महासचिव को पत्र लिखकर कहा कि राज्यसभा सदस्य बार बार प्रधान न्यायाधीश के सामने मामले का उल्लेख करते हैं, यहां तक कि उनके पिता की ओर से पेश वकील सहित एडवोकेट आन रिकार्ड तक को जानकारी नहीं देते हैं।

गौरतलब है कि 21 मार्च को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को आपस में मिलकर विवाद सुलझाने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह एक संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दा है और यह बेहतर होगा कि इस मुद्दे को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाया जाए। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इसे सुलझाने के लिए सभी पक्ष सर्वसम्मति के लिए एक साथ बैठें।