रामनवमी की रैली : सशस्त्र रैलियों में बच्चों की भागीदारी पर बजरंग दल के दो सदस्यों को सम्मन

पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डब्ल्यूबीसीपीसीआर) ने सोमवार को रामनवमी समारोह के दौरान सशस्त्र रैलियों में बच्चों की भागीदारी के संबंध में 12 अप्रैल को बजरंग दल के दो सदस्यों को पेश होने के लिए कहा है। डब्ल्यूबीसीपीसीआर अध्यक्ष अनन्या चटर्जी चक्रवर्ती ने बताया कि पुरुलिया जिला समन्वयक सूरज शर्मा और पुरूलिया अतिरिक्त जिला समन्वयक गोराब सिंह को करीब 11 बजे शाम करीब कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

राज्य बाल अधिकार समिति द्वारा जारी किए गए निर्देशों को खुलेआम दरकिनार करते हुए पुरुलिया जिले में रविवार को रामनवमी रैली में कई बच्चों को धारदार हथियारों के साथ चलते देखा गया था। हथियारों के साथ चलते देखा गया। रैली में नाबालिग लड़के व लड़कियां राम का नाम जपते हुए तलवार व चाकू जैसे हथियार भांज रहे थे। इस रैली का आयोजन बजरंग दल ने किया था। पुरूलिया की रैलियों में कथित तौर पर हथियार रखने वाले लगभग 10 बच्चों ने भाग लिया था।

आयोग ने पुरुलिया के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा दी गई प्रारंभिक सूचना के आधार पर उन्हें तलब किया है। उन्होंने कहा, हम अन्य जिला प्रशासनों की स्थिति रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और इसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। संपर्क करने पर सूरज शर्मा ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई सम्मन नहीं मिला है और जहां तक ​​बच्चों के रैलियों में हिस्सा लेने वाला मामला है तो यह उनके माता-पिता की व्यक्तिगत पसंद है।

उन्होंने कहा कि हमने पुरुलिया में एक सशस्त्र रैली की थी और मुस्लिम बहुल इलाकों से गुजरे लेकिन कोई संघर्ष नहीं हुआ। यह हिंदू-मुस्लिम लड़ाई नहीं है, बल्कि एक राजनीतिक दल अपने उद्देश्य को पूरा करने की कोशिश कर रहा है।

भाजपा के राज्य के कई बड़े नेताओं को हथियारों के साथ जुलूस में भागीदारी करते देखा गया। राज्य भाजपा इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष पश्चिम मिदनापुर में तलवार के साथ व महिला इकाई की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी त्रिशूल लिए दिखाई दीं। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा भी एक रैली में हथियार का प्रदर्शन करते देखे गए।