भूख-प्यास की शिद्दत बर्दाश्त करने के साथ खुद को गुनाहों से बचाने का नाम रोजा है

रमजान उल मुबारक का पवित्र महीना शुरु हो चुका है । इस महीने में रमजान के रोजे रखे जाते हैं,कुर्आन शरीफ की तिलावत की जाती है, और नफिल नमाज के इलावा ईशा की नमाज के बाद जमाअत के साथ 20 रकात तरावीह की नमाज अदा की जाती है।

इसी पवित्र महीने में कुर्आन शरीफ को इस्लाम के आखरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम पर नाज़िल किया गया। रमजान के शुरू होते ही जन्नत के सभी दरवाजे खोल दिए जाते हैं , और जहन्नम के सभी दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं, शैतान को जंजीर में कैद कर दिया जाता है ।

भूख-प्यास की शिद्दत बर्दाश्त करने से भूख-प्यास की अहमियत उजागर होती है। रोजा हर धर्म में अलग अलग तरीके से रखा जाता है, जिसको उपवास कहते हैं । *सुबह से लेकर सूर्य डूबने के समय तक खाने पीने से रुकने और तमाम गुनाहों से खुद को बचाने का नाम रोजा है* इसलिए झूठ,गीबत, चुगलखोरी, मारपीट,गाली गलौज इत्यादि जैसे गुनाहों से परहेज करने की सख्त आवश्यकता है।और बिना इस से बचे हुए रोजा मुकम्मल नहीं हो सकता है ।

एक हदीस शरीफ के अनुसार रोजादार को इफ्तार कराने से मुकम्मल रोजा का सवाब मिलता है। और इफ्तार के समय तमाम दुआएं कुबूल होती हैं,इसलिए इफ्तार से पूर्व दुआ का एहतमाम करें।लेकिन इस साल शिद्दत की गर्मी पङने के साथ साथ लगभग 15 घंटे का रोजा होगा।

इसलिए इफ्तार में फल फ्रूट के साथ नर्म गिजा़ का सेवन करें। रंग बिरंगे पकवान,तेल और मसाले का कम प्रयोग करें। साथ ही कोल्ड ड्रिंक्स,बर्फ, फ्रिज के पानी से से बिल्कुल परहेज करें। क्योंकि ये सेहत और तंदुरुस्ती के लिए निहायत हानिकारक हैं। भीषण गर्मी की वजह से चीनी नमक पानी, नींबूू का शरबत या रूह अफजा का इस्तेमाल करें ,यह सेहत के लिए लाभदायक हैं।

पाबंदी से तरावीह की नमाज अदा करें और पूरा कुर्आन शरीफ सुनने की कोशिश करें। सोशल मीडिया से बिलकुल परहेज करें,और कुर्आन शरीफ की ज्यादा से ज्यादा तिलावत करने की कोशिश करें।
और साथ ही ज्यादा से ज्यादा दरूद शरीफ पढ़ने का एहतेमाम करें।

शरीयत में जहां रमजान के रोजों को फ़र्ज़ करार दिया है,और सख्ती के साथ इसका एहतमाम करने का आदेश दिया,वहीं गर्भवती व दूध पिलाने वाली महिलाओं,बूढ़े और बच्चों को रोज़ा से परहेज़ करने का भी आदेश दिया है। साथ ही यह भी आदेश दिया कि ऐसी मजबूरी पेश आने पर रोज़ाना गरीब या किसी भूखे को खाना खिलाया जाए।

अनीसुर्रहमान चीस्ती