लखनऊ:राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने एक बार और बेकसूर को एटीएस के चंगुल से बचा लिया है। मामला आज़मगढ़ के बरही अकबालपुर का है, जहां लखनऊ से आई ATS/NIA की टीम ने गुलाम किबरिया को अवैध तरीके से ज़बरदस्ती गिरफ्तार कर ले जा रही थी।
इसकी खबर जैसे ही राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के ज़िम्मेदारों को मिली काउंसिल कार्यकरता तुरंत हरकत में आ गये और वरिष्ठ नेताओं को इसकी सूचना दी। मौके पर काउंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना शहाब अख़्तर कासमी पहुंचे और ATS के आला अधिकारियों से बात की ।
आला अफसरान के भरोसा दिलाने पर मौलाना ने ATS वालों के साथ पार्टी नेता सालेहीन प्रधान को साथ भेजा। RUC के नेताओं ने अधिकारियों को चेतावनी दे दी थी कि अगर गुलाम किबरिया के साथ कोई भी गलत हरकत हुई या उन्हें झूठे आरोप में फंसाने की कोशिश की गई तो फिर काउंसिल कार्यकर्ता सड़क पे उतरेंगे और इसकी सारी ज़िम्मेदारी प्रशासन की होगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने भी लखनऊ में पूरे मामले पर नज़र बनाई रखी। लखनऊ में ATS/NIA कार्यालाय पर RUC नेताओं की देख रेख में गुलाम किबरिया का बयान दिलवा उन्हें बाइज़्ज़त वापस लाया गया।
ATS कार्यालय से निकलते ही गुलाम किबरिया साहब अपने साथियों संग काउंसिल के लखनऊ स्थित केंद्रीय कार्यालय पहुंचे और मौलाना आमिर रशादी साहेब से मुलाक़ात कर उनका शुक्रिया अदा किया। मुलाक़ात के समय प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर अनिल सिंह भी मौजूद रहे।
इस मौके पर मौलाना रशादी ने साफ कहा कि हम किसी गुनाहगार के साथ नही हैं पर किसी बेगुनाह को भी किसी को हाथ नही लगाने देंगे वो चाहे जो हो। राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल मज़लूमों की आवाज़ है और इसका क़याम ही ज़ुल्म और ज़ालिम के खिलाफ लड़ने के लिए हुए है वो चाहे कोई भी हो।