बुलेट ट्रेन आ गई है: रवीश कुमार

बुलेट ट्रेन आ गई है। मीडिया में बुलेट ट्रेन की इतनी चर्चा हुई कि चीन समझ गया कि खिलौना बनाकर भारत के बाज़ारों में उतारते हैं। आज स्टेशनरी की दुकान पर गया था। दुकानदार ने बताया कि पहले कभी बुलेट ट्रेन के नाम का खिलौना नहीं बेचा। जब से आया है तब से इसकी डिमांड ठीक है। ज़रूर किसी ने बच्चे को पहली बार दिया होगा, उसे देखकर दूसरे तीसरे बच्चों ने माँगा होगा। तीन सौ रुपये के इस बुलेट ट्रेन को ख़रीद रहे पिताजी जी एेसे पलट कर देख रहे थे जैसे बुलेट ट्रेन ही ले जाना चाहते हों। इसकी पैकिंग में EMU लिखा था मगर दूसरी तरफ बुलेट ट्रेन भी लिखा था। भाई साहब संदेह में पड़ गए कि कहीं लोकल ई एम यू तो नहीं है। दुकानदार ने डब्बा पलट कर दिखाया कि बुलेट ट्रेन ही है।

(नोट- यह लेख वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के ब्लॉग क़स्बा पर 6 मार्च को प्रकाशित हो चुका है)