अगर PM मोदी के पास सोने का भी वक़्त नहीं, तो वह गालिबाज़ों को चुन-चुनकर कैसे फॉलो कर लेते हैं: रवीश कुमार

बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। गौरी लंकेश की हत्‍या के बाद सोशल मीडिया साइट्स पर लोगों ने बेहद गुस्‍से में प्रतिक्रिया दी वहीं कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने गौरी लंकेश की हत्या पर खुशी जाहिर की।

ये भी सामने आया कि गौरी लंकेश को बुरा भला कहने वाले कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स को हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी ट्विटर पर फॉलो भी करते हैं। जोकि काफी हैरानीजनक बात थी। गौरतलब है कि गौरी लंकेश के रूप में पत्रकारिता जगत की एक बुलंद आवाज़ की हत्या की गई है।

जोकि हिंदूवादी संगठनों और सरकार की सच्चाई को आम जनता के बीच लाती थी और उनकी बेबाकी और निडरता उनका एक ख़ास अंदाज़ था।

उन्होंने अपने कन्नड़ मैगज़ीन में पिछले तीन महीनों में केंद्र सरकार और उसके नेताओं की आलोचना में कम से कम आठ लेख प्रकाशित किए थे। बीते हफ्ते उन्होंने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बच्चों की मौत और डॉक्टर कफील खान को हटाए जाने के खिलाफ लिखा था।

इसके साथ उन्होंने अपने ट्विटर और फेसबुक पर रोहिंग्या मुसलमानों, नोटबंदी के नुकसान, भारतीय अभिभावकों को समलैंगिकता के बारे में जागरूक करने वाले यूट्यूब वीडियो और मोदी सरकार की आलोचना से जुड़े पोस्ट किए थे।

उनकी हत्या के बाद दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में देश के तमाम पत्रकार जमा हुए और उन्होंने उनकी मौत पर दुःख जताने के साथ पत्रकारिता जगत में सरकार और दक्षिण पंथी हिंदूवादी संगठनों द्वारा की जा रही गुंडागर्दी का विरोध किया।

इस मामले में वहां पहुंचे वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने इस बारे में बातचीत करते हुए कहा, ‘मैं जो बोलता हूं उसे बोलने से मुझे डर नहीं लगता। मेरे परिवार और करीबी कहते हैं कि मैं ऐसे मामलों पर बोलना छोड़ दूँ। कल मेरी भी हालत खराब थी। लेकिन डर उन्हें भी लगता है जो सीबीआई और आईटी डिपार्टमेंट के दम पर सरकार चलाते हैं।

सरकार ने अपनी सारी शक्तियों को आउट सोर्स कर दिया है। पहले के वक़्त में गंदा काम बाहुबली लोग कर लेते थे। लेकिन आजकल दस बारह एंकर ही बाहुबली की भूमिका निभा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर बैठे इनके समर्थक किसी की मौत पर उसके लिए गलत भाषा करते हैं और पीएम मोदी भी उन्हें फॉलो करते हैं। खुद को दिन-रात देश की सेवा में व्यस्त रहने वाले मोदी जी को इतना वक़्त कैसे मिल जाता है ऐसे लोगों को फॉलो करने का।

पत्रकार को ऐसे लोगों के खिलाफ लिखते रहना पड़ेगा। नहीं तो गोदी मीडिया लोगों की आवाज को दबा देगा।