बंगलुरू में पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई है।’ गौरी लंकेश पत्रिके’ में सत्ता विरोधी ख़बरें होती थीं और धार्मिक संकीर्णता के खिलाफ ख़ूब लिखा है। हिन्दुत्व की संकीर्णता पर सामने से सवाल किया।
कलबुर्गी की हत्या को लेकर उनकी पत्रिका काफी मुखर रही। सरकारों के खिलाफ लिखने वाली एक साहसिक महिला पत्रकार को ख़त्म किया गया है। गौरी की माँ साहसिक पत्रकार रही हैं और उनकी बहन क़ाबिल फ़िल्मकार।
कर्नाटक में खेल हो गया है आवाज़ दबाने के लिए किसी को मार देना। अगर ऐसी ताक़तें वहाँ धर्म की आड़ में पनप रही हैं तो समाज से पूछना चाहिए कि आपने उनके कबाड़ सोच में ऐसा कौन सा सपना देख लिया है कि कलबुर्गी से लेकर गौरी लंकेश की हत्या जायज़ लगने लगी है। शर्मनाक दौर में है हमारा समाज और घटिया होती जा रही हैं सरकारें। आप कब तक चुप रहेंगे ?
इस चुप्पी से आपको झूठ के अलावा क्या मिल रहा है? आप देखिये शोक समाचार पर भी कमेंट बाक्स में कैसे कुछ लोग जश्न मना रहे हैं । ये लोग अपनी सोच से आपके बच्चों को भी हत्यारा बना देंगे। ये ज़हर है ज़हर । ये उनकी आख़िरी ट्वीट का स्क्रीन शाट है।
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