‘शरणार्थी फेसबुक का शिकार बन सकते हैं’

सोशल मीडिया वेबसाइट्स जहां विश्व भर में लोगों के त्वरित संपर्क की वजह हैं, वहीं शरणार्थीयों के संकट में भी सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जबकि फेशबुक प्रवासियों को मदद के बजाय उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।

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स्मार्टफ़ोन की टेक्नोलॉजी ने प्रवासियों और आप्रवासियों के कई समस्याओं का समाधान भी किया है। खतरे से भरे रास्ते को आसान बनाना हो या जानकारी हासिल करना हो, स्मार्टफोन ने इस संदर्भ में मदद की है।

जबकि हालिया फेसबुक के डेटा स्कैंडल ने इस सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि शरणारथी मौजूदा समय में उनके गुप्त डेटा के सार्वजनिक होने के बारे में अधिक चिंतित नहीं हैं क्योंकि उन्हें कई अन्य महत्वपूर्ण और त्वरित समस्याओं का सामना है।

इसके बावजूद यह महत्वपूर्ण है कि फेसबुक उपयोगकर्ताओं के गोपनीय डेटा का दुरुपयोग आम नागरिकों को प्रभावित कर सकता है, वैसा ही शरणार्थियों के साथ भी हो सकता है।