सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जामिया मिल्लिया सहित सभी अल्पसंख्यक संस्थानों को राहत

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को ख़ारिज करते हुए अपने एक अहम फैसले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को किसी भी अल्पसंख्यक संस्थानों को अल्पसंख्यक भूमिका की दर्जा देने का योग्य करार दिया है, जिसका जस्टिस सुहैल एजाज़ सिद्दीकी ने स्वागत किया है।

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और उम्मीद ज़ाहिर की है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से जामिया मिल्लिया इस्लामिया सहित अन्य अल्पसंख्यक संस्थानों को बड़ी राहत मिलेगी। कन्फेडरेशन ऑफ़ मुस्लिम एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ़ इंडिया और नेशनल कमीटी ऑफर लीगल रिसर्च एंड जस्टिस के बैनर तले यहाँ इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित सम्मलेन से संबोधित करते हुए जस्टिस सिद्दीकी ने कहा कि मौजूदा सरकार नहीं चाहती कि अल्पसंख्यक से संबंध रखने वाला कोई भी संस्था मज़बूत हो।

उन्होंने कहा कि बतौर चेयरमैन मैंने शिक्षा मामलों के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की 10 साल तक ज़िम्मेदारी संभाली और जामिया मिल्लिया इस्लामिया सहित कई युनिवर्सिटियों, कॉलेजों और स्कूलों को अल्पसंख्यक भूमिका का दर्जा दिया।