UAE में क़ुरान हिफ्ज़ करना होगा जुर्म, मस्जिद में धार्मिक शिक्षा और इजतेमा पर भी प्रतिबंध!

दुबई: मध्य पूर्व के कई देशों में दखलंदाजी और अरब की इस्लामी संगठनों को आतंकवाद क़रार देने के बाद संयुक्त अरब अमीरात क़ानून के एक ऐसे खाका पर काम कर रही है जिसमें सरकार की मंजूरी के बगैर कुरान शरीफ़ हिफ्ज़ करना भी गैरक़ानूनी होगा।

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इसके अलावा सरकार की मंजूरी के बगैर धार्मिक भाषण भी नहीं की जा सकेंगी। इसकी सुचना खलीज टाइम्स ने दी है। कानूनी खाका को दो रोज़ पहले ही संघीय राष्ट्रीय परिषद की ओर से मंजूरी हासिल हो गई है, और इसका उल्लंघन करने वालों को 5 हजार दिरहम जुर्माने के साथ उन्हें सख्त सज़ा का भी सामना करना पड़ेगा। मस्जिदों में भी किसी तरह की भाषण सरकारी मंज़ूरी के बगैर नहीं की जा सकेगी और इमामों से कहा गया है कि वह मस्जिदों में सरकार की मंजूरी के बगैर धार्मिक शिक्षा न दें।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

संयुक्त अरब अमीरात संघीय राष्ट्रीय परिषद के प्रवक्ता डॉक्टर अमल अलक़बीसी ने कहा है कि इसमें अमीरात में मौजूद मस्जिदों के लिए कानून और कायदे बनाये गये हैं। अगर क़ानून के इस प्रस्ताव को पास कर दिया जाता है तो सरकार की मंजूरी के साथ दिए जाने वाले भाषण पर एतराज़ करने वालों को तीन माह क़ैद की सज़ा सुनाई जायेगी।

गौरतलब है कि संयुक्त अरब अमीरात धार्मिक चर्चों को कई सालों से कंट्रोल करने की कोशिश में है और उसने कई मुस्लिम संगठनों समेत प्राचीन इस्लामी संगठन इख्वानुल मुस्लिमीन को आतंकवाद करार दे रखा है। अमीरात अपने राजनितिक नज़रिए के मुताबिक इस्लामी प्रचार में दिलचस्पी रखता है।