ये ट्वीट कितने स्तरों पर गलत है। सबसे पहले स्पष्ट कर दूं के मैं मालिनी दीदी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं । ये बात वो भी जानती हैं। अब आते हैं इस ट्वीट पर। कठुआ मे आई शर्म और मंदसौर पर लगे जुबां पर ताले । ( जो बात आपने नहीं लिखी वो मैं लिख देता हूं । क्योंकि मंदसौर मे बलात्कारी मुसलमान था)
ये सोच वाकई बहुत दुखद है। मलिनिजी मंदसौर मे किसी ने भी बलात्कारी के समर्थन मे रैली नहीं की थी । और आपकी तरह काफी लोग बीजेपी की इस शर्मनाक हरकत पर खामोशी साध गये थे। मंदसौर मे वहां कीमुसलमान औरतों ने बाहर निकल कर कहा के इमरान को फांसी दी जाये मगर कठुआ मे बीजेपी के नेताओं ने ना सिर्फ मासूम के बलात्कार के आरोपी के पक्ष मे रैली की बल्कि एक झूठा प्रोपागेंडा चलाया गया के बलात्कार हुआ ही नहीं और वो भी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट को गलत ढंग से पेश करके। फर्क़ ये है।

अलबत्ता मैं आपसे कुछ सवाल पूछना चाहता हूं मालिनीजी । लखनऊ मे संस्कृति राय नाम की 17 साल की मासूम का रेप और निर्मम हत्या हुई। क्या आपने उसपर एक शब्द भी कहा?बताईये?आप एक प्रभावशाली महिला हैं प्रतिभा हैं, आप क्यों नहीं संस्कृति के पक्ष मे एक कैंडल मार्च निकालती? क्यों? आप इसलिये नहीं करेंगी क्योंकि इससे योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सीधी टिप्पणी होगी। और आप भी जानती हैं क्योंकि आपके पति योगी सरकार मे सम्मानित और वरिष्ठ अफसर हैं लिहाजा उनके लिये मुश्किल हो जायेगी ।
मैं आप से अपील करता हूं के आप संस्कृति के समर्थन मे कैंडल मार्च कीजिये। मैं ना सिर्फ इसपर आपकी तारीफ मे लम्बा वीडियो ब्लॉग करूंगा बल्कि सब चैनल भी इसे कवर करेंगे। क्या आपने एक बार भी योगी सरकार से पूछा के लखनऊ जैसे शहर मे अब ये होने लगा है?हफ्ता बीत गया अब तक कोई कार्रवाही नहीं? या आप इंतज़ार कर रही हैं के ये सार्वजनिक हो के संस्कृति के बलात्कारी का मजहब क्या था?क्या आपने कभी भी दलित बेटियों का बलात्कार या हाल मे मेरठ मे दलित आन्दोलन के बाद उनको बाकायदा लिस्ट बनाकर गोली मारे जाने पर सवाल उठाया? और ये सब इसलिये के वो दलित हैं? ये पूछा के ये हो क्या रहा है?
मालिनीजी मेरी पत्नी भी केन्द्र सरकार मे नौकरशाह हैं और आपकी तरह मैं भी अपनी पत्नी पर कोई आंच ना आये ज्वलंत मुद्दों पर चुप रह सकता था। मगर ना सिर्फ बोलता हूं बल्कि डंके की चोट पर बोलता हूं । हर किसी मे ये हिम्मत सम्भव नहीं के आपके पति या पत्नी सरकार मे हों और आप उसकी नीतियों पर बोल सकें। और मेरे परिवार पर तो सबसे गन्दा और वाहियात हमला हो भी रहा है। मगर हक़ीक़त मैं जानता हूं और हमला करने वाले जानते हैं।
लिहाजा आपसे अपील है के आप भी डरिये मत। राज्य मे किसकी सरकार है,ये पैमाना नहीं होना चाहिये के आप किस मुद्दे पर टिप्पणी करेंगी । क्योंकि आपसे हम प्रेरणा लेते हैं। आपकी प्रतिभा हमारे लिये एक संजीवनी एक प्रेरणा है। आपके चाहने वाले सभी धर्मों जातियों और रंगों मे फैले हुए हैं । जब आप आंशिक सत्य पेश करती हैं तब दुख होता है। आपको सब चीज़ों पर बोलना चाहिये। संस्कृति के दर्दनाक घटना पर भी। वर्ना ये बेमानी सा लगने लगता है।
उम्मीद है के अब आप मंदसौर और कठुआ के बीच का फर्क़ समझ गई होंगी और संस्कृति राय के रेप और हत्या पर कुछ लोगों की खामोशी को भी।
( ये सन्देश मै ट्विटर पर नहीं दे सकता था क्योंकि काफी लम्बा था और इसपर कौन टिप्पणी करेगा ये मेरे काबू मे है। मैं नहीं चाहता के कोई भी आप पर कोई अनर्गल बात कहे)
(यह लेख वरिष्ठ टीवी पत्रकार अभिसार शर्मा के फेसबुक वाल से लिया गया है)