अल्पसंख्यक आयोग के नोटिस पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया का जवाब

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अल्पसंख्यक भूमिका पर और उसकी ओर से कानूनी चाराजोई, मंडावली में साम्प्रदायिक दंगे की कोशिश, बवाना में सीवर लाइन का मुद्दा और माता सुन्दरी में कब्रिस्तान जैसे मामलों में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की ओर से जारी किये जाने वाले नोटिसों का जवाब आयोग को प्राप्त हुआ है।

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इस वजह से आयोग की जारी सूचना के मुताबिक आयोग के नोटिस के जवाब में रजिस्ट्रार जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने सूचना दी है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने सूचना दी है कि जामिया एडमिनिस्ट्रेशन पूरी तौर से अल्पसंख्यक भूमिका की समर्थन करती है और यह बात दिल्ली हाईकोर्ट में जामिया की ओर से दर्ज किए गए शपथ पत्र में साफ़ तौर से दर्ज है।

मौजूदा स्थिति के बारे में जामिया ने आयोग को सुचना दिया है कि जामिया की ओर से एक जवाबी शपथपत्र हाईकोर्ट में कुछ दिन पहले जमा किया जा चुकाह है, जिसमें दो बैटन पर जोर दिया गया है। (१) हाईकोर्ट का पिछला फैसला जामिया के रुख को सुने बगैर दिया गया है जो खुद हाईकोर्ट के अपने नियम के खिलाफ है। (२) एचआरडी मिनिस्ट्री की ओर से फाइल किये जाने वाले नये शपथपत्र में भारत सरकार ने अपने पुराने शपथपत्र को बदलने की कोई मुनासिब वजह नहीं बताई गई।