हज और उमरा के दौरान कई तीर्थयात्री किस्वा के धागे को निगल जाते हैं- रिपोर्ट

मक्का डेली ने बताया कि कई हज्ज और उमरा तीर्थयात्री किस्वा (पवित्र काबा के आवरण) के धागे को निगल जाते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हज और उमरा के दौरान, कई तीर्थयात्री किस्वा के धागे को अपने छल्ले और कैंची का उपयोग करके विशिष्ट अंधविश्वास के आधार पर काटने का प्रयास करते हैं और वो इस किसवा के कटे हुए टुकरे या धागे को अपने लिए अच्छे भाग्य समृद्धि लाने वाले सझते हैं जिस की वजह से किस्वा खराब हो जाता है।

पवित्र काबा को हर साल हज के दिन नए किस्वा के साथ कवर किया जाता है और उतारे हुए पुराने कीस्वा को छोटे छोटे टुकरों में काट कर हज करने आए हुए विशेष लोगों में बांट दिया जाता है।

किस्वा को काबा के चारों तरफ से  कवर किया जाता है और तांबे के रिंग का उपयोग करके जमीन के साथ मज़बूती से बांधा जाता है। किस्वा पर कढ़ाई के लिए स्वर्ण और चांदी के धागे का  उपयोग किया जाता है किस्वा मूल रूप से काले रंग के रेशम का होता है।