गुजरात : पाटन के वडावली गांव का दंगा सुनियोजित था

पाटन के वडावली गाँव में सर्वसम्मति से रसीदाबेन सुलतान भाई कुरैशी को सरपंच घोषित किया गया। मानव अधिकार संगठन जनसंघर्ष मंच के एक वकील और सदस्य शमशाद पठान ने कहा कि वास्तव में वाडवली के ग्रामीणों ने मुस्लिम सरपंच को सौहार्दपूर्ण रूप से लिया था जो विवाद का कारण बना। यह दंगा सुनियोजित था। सांप्रदायिक दंगे भड़काने इस घटना को अंजाम देते हुए दंगाईयो ने विडियो क्लिप बनाये और सोशल मीडिया पर अपलोड किये है।

कुछ पीड़ितों ने कहा कि विद्यार्थियों के झगड़े के बाद सुलह हो गई थी लेकिन एक व्यक्ति चुनौती देकर गया कि एक ही घंटे में तुम सबको खत्म कर दूंगा जो शिवसेना का था। एक टीचर झाला साहब ने इस मामले को भड़काने में अहम भूमिका निभाई है और दंगाईयो को दिशानिर्देश देकर उकसाया। फायरिंग, लूटपाट और घर-दुकान व वाहनों को जलाने के दौरान पुलिस मूक बनी रही। एक घायल पीड़ित के अनुसार जब दंगाई हम लोगों के घर-वाहन जला रहे थे, लूट रहे थे तब पुलिस खड़ी रह कर तमाशा देख रही थी।

 

इसी दौरान करीब आधे से एक घंटे 5 हजार की भीड़ वडावली गाँव में आई और मुस्लिम समाज के लोगो के करीब 142 घरो में 100 घरो को जला दिया और 42 घरो में तोड़फोड़ कर लूट लिया। इस दंगे में मुस्लिम समुदाय के 2 लोगों की गई और 25 लोग घायल हुए है। इस मामले में पीड़ित मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है जो गलत है। दंगाईयो की फायरिंग में सुलतान मियाँ (रशीदा बेन के पति) को लक्ष्य किया गया और वह जख्मी हुए।

इसके अलावा इब्राहीम भाई जिन्होंने यह फैसले को स्वागत किया था, उन्हें भी टारगेट कर मार दिया गया। दंगाई हथियार, पेट्रोल, निजी बन्दूक लेकर आये थे जिन्होंने मुस्लिम समाज के लोगो के घरो को जलाया, लूटा और वाहनों को जलाना शुरू कर दिया। जिन मुस्लिम युवाओं ने उनका विरोध करने की कोशिश की उन पर तलवार और बन्दूक से फायरिंग की गई और उन्हें गंभीर रूप से घायल किया गया।
चुनाव नजदीक आते ही गुजरात में सांप्रदायिक तनाव बढ़ना शुरू हो गया है।

 

 

 

लोगों का कहना है कि गुजरात में मुख्यमंत्रियों के बदलने के कारण भाजपा बैकफुट पर है। गुजरात में लोगो का गुस्सा अमित शाह के रैलियों के दौरान देखा जा चुका है। दलितों पर हुए अत्याचार के कारण उनमें रोष व्याप्त है। इसलिए चुनावी ध्रुवीकरण की कोशिश हो सकता है यह सांप्रदायिक तनाव।