एक रिपोर्ट से पता चला है कि यूएन के ‘शांति सैनिक’ पश्चिमी अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट में तैनाती के दौरान नाबालिग या कम उम्र की लड़कियों को खाना या पनाह देने के बदले उनके साथ सेक्स करते थे। यह सब एक दशक से अधिक समय से चल रहा था। पश्चिम अफ़्रीकी शरणार्थी शिविरों में ‘फूड फॉर सेक्स’ पर 84 पेज की एक रिपोर्ट संकलित की गई और 2002 में संयुक्त राष्ट्र को सौंपी गई, लेकिन कभी प्रकाशित नहीं हुई।
भोजन के बदले सेक्स’ का खुलासा तब हुआ जब ब्रिटेन के सहायता समूह सेव द चिल्ड्रन ने 2009 में हिंसाग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया। तब 10 में से 8 लड़कियों ने कबूल किया कि उन्हें किसी न किसी मूल आवश्यकता को पूरी करने के बदले रोजाना बेनिनीस शांति सैनिकों (यूएन की शांति सेना में शामिल) के साथ सेक्स करना पड़ा।
द टाइम्स के मुताबिक, 2002 के शोध दस्तावेज का आरोप है कि ‘भोजन, तेल, शिक्षा तक पहुंच और आश्रयों के लिए प्लास्टिक शीटिंग’ का आदान-प्रदान किया गया था।रिपोर्ट से पता चलता है कि गिनी, सिएरा लियोन और लाइबेरिया में शरणार्थी शिविरों में रहने वाले परिवारों ने कथित रूप से दान करने वाले श्रमिकों को अपनी किशोर बेटी को सेक्स के लिए पेश किया।
सन अखबार के मुताबिक, गिनी के एक शिविर में चैरिटी श्रमिक महिलाओं को ‘सेक्स के लिए एक किलो आटा’ दिया गया। रिपोर्ट के बावजूद 67 शरणार्थियों के यौन शोषण के आरोपी 67 चैरिटी श्रमिकों की एक सूची शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) में वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी गई। ए सेव द चिल्ड्रेन के प्रवक्ता ने कहा कि संगठन शुरुआती विचारों में सहायता श्रमिकों द्वारा यौन दुर्व्यवहार को उजागर करने के लिए ‘चौंक गया’ था।