NBA की TRAI से शिकायत- Republic TV ने दर्शक बढ़ाने के लिए किया घोटाला!

अर्णब गोस्‍वामी और एनडीए के सांसद राजीव चंद्रशेखर का टीवी चैनल रिपब्लिक टीवी व्‍यूअरशिप यानी दर्शकीयता के शुरुआती आंकड़े जारी होने से पहले विवाद में फंस गया है। न्‍यूज़ ब्रॉडकास्‍टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राइ) को एक चिट्ठी लिख कर भेजी है जिसमें रिपब्लिक टीवी पर आरोप लगाया है कि ज्‍यादा दर्शकों की संख्‍या जुटाने के चक्‍कर में इस चैनल ने वितरण का अनैतिक तरीका अपनाया है।

ट्राई को लिखे पत्र में एनबीए ने आरोप लगाया है कि अर्णब गोस्‍वामी का चैनल अलग-अलग एमएसओ यानी मल्‍टी सिस्‍टम ऑपरेटर प्‍लेटफॉर्म पर एक से ज्‍यादा फीड दे रहा है। इससे पहले भी कुछ चैनल ऐसा करते रहे हैं, लेकिन एनबीए उन्‍हें परामर्श भेजता रहा है लेकिन पहली बार एनबीए ने यह बात ट्राइ को लिखकर भेजी है क्‍योंकि रिपब्लिक टीवी एनबीए का सदस्‍य चैनल नहीं है।

बेस्‍टमीडियाइन्‍फो डॉट कॉम नाम की एक वेबसाइट का दावा है कि एनबीए द्वारा ट्राइ को भेजी चिट्ठी का एक प्रति उसके पास है। साइट की खबर के मुताबिक पत्र में लिखा है कि अलग-अलग एमएसओ के प्रोग्राम गाइड में रिपब्लिक चैनल को अलग-अलग श्रेणी की सूची में दर्शाया गया है और अन्‍य वितरकों के प्‍लेटफॉर्म पर उसके एक से ज्‍यादा एलसीएन यानी लॉजिकल चैनल नंबर दर्ज हैं।

आम तौर पर ऐसे मामले तब सामने आते हैं और शिकायत तब दर्ज करायी जाती है जब किसी चैनल की दर्शकीयता के आंकड़े पहली बार जारी हो जाते हैं जिससे खुलासा होता है कि वह एकाधिक फ्रीक्‍वेंसी पर चल रहा था। यह शायद पहली शिकायत है जिसे आंकड़े आने से पहले दर्ज कराया गया है।

एनबीए ने अपने पत्र में कहा है कि रिपब्लिक द्वारा एकाधिक फ्रीक्‍वेंसी पर संचालन ट्राइ की 3 मार्च, 2017 की अधिसूचना का उल्‍लंघन है जो कहती है कि ”वितरकों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे चैनलों को अपने प्रोग्राम गाइड में इस तरीके से रखें कि एक ही श्रेणी के चैनल एक साथ एक के बाद एक आएं और एक चैनल केवल एक ही जगह पर दर्शाया गया हो।” रिपब्लिक टीवी ने खुद को कई श्रेणियों में डाला हुआ है और वितकों के प्रोग्राम गाइड में उसका नाम से ज्‍यादा बार आता है। यही इस चैनल का घोटाला है।

वेबसाइट के मुताबिक क्रोम डेटा एंड एनालिटिक्‍स नामक एजेंसी का कहना है कि रिपब्लिक टीवी की दोहरी/तिहरी फीड देश के 171 शहरों में पाई गई है जिसमें सबसे ज्‍यादा जोर उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखण्‍ड में है।

एनबीए ने ट्राई से इस चैनल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

साभार- मीडिया विजिल