रिपब्लिक TV की ख़बर फ़र्ज़ी निकली, जामा मस्ज़िद की बिजली की कोई बिल बकाया नहीं है

अरनब गोस्वामी के चैनल रिपब्लिक टीवी ने जामा मस्जिद के बिजली के भुगतान को लेकर एक फेक न्यूज़ चलाई है। रिपब्लिक चैनल ने दावा किया है कि जामा मस्जिद पर करोड़ों के बिल का भुगतान बकाया है जिसके चलते BSES ने मस्जिद की बिजली काट दी है।

रिपब्लिक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “इमाम बुखारी के पास शानदार कार खरीदने के लिए पैसे हैं, लेकिन बिजली के बिलों का भुगतान करने के लिए नहीं”।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बिलों का भुगतान न होने के कारण जामा मस्जिद में बिजली कटौती की गई है। जामा मस्जिद के अंदर पूरा ब्लैकआउट है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर पोस्टकार्ड न्यूज और हिंदूवादी ट्वीटर हैंडल्स ने इस फेक न्यूज़ को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया।

सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रही इस खबर की जब पड़ताल की गई तो पता चला कि यह ख़बर पूरी तरह से मनगढ़ंत है। इस झूठी खबर को किसी खास मकसद के साथ फैलाया जा रहा है।

हिंदू सम्हति के अध्यक्ष तपन घोष ने इस ख़बर पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “इससे साबित होता है कि मोदी के शासन में भारत बदल रहा है, मोलवी और बाबा तपिश महसूस कर रहे हैं”।

https://twitter.com/hstapanghosh/status/902534791903428610?ref_src=twsrc%5Etfw&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.altnews.in%2Fjama-masjid-electricity-bills-non-payment-fake-news-starts-social-media-republic-tv-takes%2F

जब ऑल्ट न्यूज़  ने इस खबर की हकीकत जानने के लिए ने BSES के प्रवक्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि भुगतान न होने के कारण ऐसी कोई बिजली कटौती नहीं की गई।

उन्होंने कहा, “यह एक फेक न्यूज़ है, जामा मस्जिद में बिजली की आपूर्ति हमेशा की तरह सामान्य होती है। “उन्होंने यह भी कहा कि यह सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा शुरू की गई बेबुनियाद अफवाहें हैं।

उन्होंने बताया कि यह पांच साल पहले मुद्दा था जिसे उस समय ही हल कर दिया गया था। 2012 में, मस्जिद और वक्फ बोर्ड के बीच विवाद के की वजह से यह भुगतान बकाया था जिसका काफी समय पहले ही सेटलमेंट हो चुका है।

इस मुद्दे पर जब इमाम बुखारी के बेटे तारिक बुखारी से बात की गई तो उन्होंने पुष्टि की कि BSES ने बिजली आपूर्ति में कोई कटौती नहीं की है। जब पूछा गया कि रिपब्लिक के फुटेज में मस्जिद में अंधेरा क्यों दिखाई दे रहा है तो बुखारी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि फुटेज किस वक्त ली गई।

उन्होंने समझाया कि जब तक पूरी तरह अंधेरा नहीं हो जाता तब तक मस्जिद की लाइट नहीं जलाई जाती। उन्होंने कहा कि गेट 3 मग़रिब की नमाज़ के बाद बंद हो जाता है और मेन गेट से लोग मस्जिद में दाखिल होते हैं। उन्होंने कहा, “अगर आप फुटेज पर ध्यान दें तो अंदर और सीढ़ियों पर रोशनी है। रात में (ईशा) की नमाज़ के एक घंटे बाद मस्जिद बंद होने तक अंदर काफी रोशनी होती है।”

दक्षिणपंथी हिंदूवादी ट्विटर हैंडल्स का इस तरह की फ़ेक न्यूज़ पर ख़ुशी से उछलना तो समझ आता है, लेकिन राष्ट्रीय चैनल रिपब्लिक टीवी का आखिर इस तरह की खबर चलाने के पीछे क्या मकसद हो सकता है, यह एक अहम सवाल है।