नई दिल्ली : दिल्ली के अब्दुल मुजीर खान ने पाकिस्तान से वतन पहुंचने के बाद जो आपबीति सुनाई, उसमें ज्यादातर लम्हे तकलीफों से भरे थे। अपने रिश्तेदारों से मिलने या अन्य कामों से पाकिस्तान गए लोगों का अनुभव इस बार अच्छा नहीं रहा। बता दें कि दोनों देशों के बीच तनाव के चलते अचानक समझौता एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया। जिसके चलते कई लोग वहीं फंस गए हैं। जामिया के रहने वाले खालिद अहमद एक समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गए थे।
वो कहते हैं कि जब तक ट्रेन अटारी से आगे नहीं बढ़ी तब तक यकीन ही नहीं हुआ कि हम वतन लौट रहे हैं। उन्होंने कहा समझौता एक्सप्रेस को सोमवार रात आठ बजे वहां से रवाना होना था। मैं टाइम से काफी पहले स्टेशन पहुंच गया। सामान और कागजों की जांच हो गई, मगर ट्रेन कब चलेगी इस बारे में कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था। अधिकारियों से पूछो तो झिड़क देते थे। बहरहाल हम बस चुपचाप हुक्म का पालन करते रहे।
साढ़े तीन घंटे की देरी के बाद जैसे ही ट्रेन खुली, मैंने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया। हालांकि मन में आशंका बनी हुई थी। इस बीच दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और समझौता एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया। सारी खुशी काफुर हो गई। अब बस एक ही चिंता सता रही थी कि वतन वापसी कैसे होगी। पाकिस्तानी अधिकारी तो कोई सूचना तक देने को तैयार नहीं दिख रहे थे। इधर वीजा खत्म हो गया। खालिद छह दिन तक लाहौर स्टेशन पर ही पड़े रहे। जैसे ही ट्रेन चली भारत लौट आए। पाकिस्तान से लौटे यात्रियों ने बताया कि पहले तो ट्रेन तीन घंटे की देरी से चली फिर अमृतसर से रूट बदलने की जानकारी मिली तो कुछ पल के लिए दिल की धड़कनें बढ़ गईं। हालांकि कुछ पल के बाद ही यह डर चला गया, क्योंकि हम तो भारत की सीमा में थे। दिल्ली आने के बाद जब अपनों से मुलाकात हुई तो सारी थकान और चिंता दूर हो गई।
अब्दुल मुजीर खान ने बताया कि वहां हम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान प्रशासन ने कोई मदद नहीं की। भारतीय अधिकारियों ने हम लोगों की मदद की। ट्रेन को अटारी से चलने में साढ़े तीन घंटे की देरी हुई। रात आठ बजे की बजाए यह करीब साढ़े ग्यारह बजे वहां से चली और सात घंटे की देरी से 10.30 बजे दिल्ली पहुंची। अमृतसर में किसानों के अंदोलन के चलते इसे वाया तरनतारन दिल्ली लाया गया। .
ट्रेन कुल 173 यात्रियों को लेकर पहुंची। जिसमें 159 हिन्दुस्तानी और 14 पाकिस्तानी नागरिक थे। आने वालों में हिन्दुस्तानियों की संख्या ज्यादा है। हाल फिलहाल के फेरों में सबसे ज्यादा यात्री इस बार आए हैं। जाने वालों में केवल 12 यात्रियों ने टिकट बुक कराया है।