…तो योगी CM रहते जेल जाने वाले पहले मुख्यमंत्री होंगे!

रिहाई मंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा योगी आदित्यनाथ के खिलाफ साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने के आरोंपों की जांच के लिए 153 (ए) के तहत अनुमति नहीं देने पर सरकार को जवाब तलब करने का स्वागत किया है।

मंच ने उम्मीद जताई है कि इस संगीन आरोप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सजा होगी और योगी मुख्यमंत्री के बतौर जेल जाने वाले पहले व्यक्ति होंगे।

रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के महासचिव राजीव यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा सामाजिक कार्यकर्ताओं परवेज परवाज और असद हयात की याचिका पर 2007 में गोरखपुर में हुए मुस्लिम विरोधी साम्प्रदायिक हिंसा की जांच मामले पर अदालत द्वारा राज्य सरकार से योगी और अन्य आरोपियों के खिलाफ सीबीसीआईडी जांच के लिए 153 (ए) के तहत अनुमति नहीं दिए जाने पर राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए तीन हफ्तों के अंदर रिपोर्ट रखने के निर्देश का स्वागत किया है।

उन्होंने कहा है कि पिछले दो साल से अखिलेश सरकार का इस मामले में जांच की अनुमति नहीं देना साबित करता है कि अखिलेश अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह ही संघी तत्वों को अदालती कार्यवाई से बचाने के नक्शे कदम पर चल रहे थे।

गौरतलब है कि 153 (ए) आईपीसी के तहत साम्प्रदायिक भड़काऊ भाषण के आरोप में न्यूनतम तीन साल की सजा का प्रावधान है। इसके किसी भी मामले का संज्ञान कोर्ट नहीं लेगी यदि राज्य सरकार या केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी हो।