लखनऊ: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अबतक की सबसे बड़ी डकैती के बाद पुलिस ने 31 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और 47 से पूछताछ कर रही है दरअसल जिस तरह से दिन दहाड़े लूट की वारादात को अंजाम दिया गया उससे तो साफ है कि ये डकैती सुनियोजित थी और आसपास के इलाकों के बदमाशों की मदद से ये डकैती संभव हो सकी।
वाराणसी के चौक थाने के नज़दीक ठठेरी बाज़ार मोड़ पर संजय अग्रवाल की ज्वेलरी शॉप से साढ़े तीन करोड़ से अधिक के जेवरात लूटने वाले दो डकैतों का पुलिस ने स्कैच जारी किया है। लूट की वारदात के बाद जांच में जुटी पुलिस ने आस पास के तकरीबन 43 दुकानों के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद वारदात में शामिल दो संदिग्धों का पुलिस ने स्कैच जारी किया है।
वाराणसी, चन्दौली मिर्जापुर, ग़ाज़ीपुर, आज़मगढ़ और बलिया समेंत बिहार के कई ज़िलों में संदिग्धों की तलाश में छापेमारी की जा रही है, लेकिल कोई बड़ी कामयाबी हासिल नहीं हो सकी है।
इस सिलसिले में जेलों में कैदियों से भी पूछताछ की जा रही है। क्राईम ब्रांच और एसटीएफ की 16 टीमों ने वाराणसी के आसपास के 31 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और 47 संदिग्धों से पूछताछ की गई है। पुलिस की जांच से पता चला है कि छह डकैतों को कवर करने के लिए बाहर गली में चार बदमाश मौजूद थे और जेवरात लूटने के बाद सभी बदमाश पैदल ही भागे थे। पुलिस फिलहाल लूट की इस कड़ी को सुलझाने का प्रयास कर रही है। पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होते हुए योगी राज में इतनी बड़ी घटना होने से राज्य की पुलिस पर सवालिया निशान उठना लाज़मी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुण्डे और बदमाशों को यूपी से बाहर जाने की चेतावनी देने के बाद भी इतने बड़े पैमाने पर डकैती की वारदात से वाराणसी और दूसरे ज़िलों के व्यापारी काफी सकते में नज़र आ रहे है अब सवाल ये है राज्य में न व्यापारियों की सुरक्षित हैं और न ही आम जनता! जो योगी सरकार कानून व्यवस्था सुधारने की बात करती है अब यूपी में सरकार बनने के बाद कानून व्यवस्था अभी भी सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है।