म्यांमार की राज्य राखेन में नरसंहार के बाद लाखों लोगों ने बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में पलायन कर रहे हैं। हालांकि, उनकी स्थिति यहां कुछ अच्छी नहीं है। कोक्स बाजार और तकनाफ सीमा के पास रोहिंग्याई नागरिकों के लिए आश्रय दिया गया है। मगर यहां खाने-पीने की चीज़ें दवाएं और अन्य जरूरी चीज़ों की बेहद कमी है।
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी की यूएनएचसीआर की रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार की राज्य की राखेन के पीड़ित क्षेत्र से पलायन कर के अब तक 4 लाख शरणार्थी बांग्लादेश आए हैं। लेकिन उनके पास आश्रय के लिए एक सीमित स्थान है और जो पहले से ही भर गया है। करीब 3.5 लाख शरणार्थी खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर हैं। वे डायरिया जैसे अन्य मौसमी बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्हें पीने का पानी जरूरी सामान और दवाइयों की दरकार है।
बांग्लादेश सरकार ने मानव अधिकार की बुनियाद पर रोहिंगिया शरणार्थी के लिए अपने दरवाजे खोले हैं। और उन्होंने रोहिंग्या नागरिकों का पंजीकरण शुरू कर दिया है। स्थानीय प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि रोहिंग्या कोक्स बाज़ार जिला से बाहर न जाएँ।
आपको बता दें कि बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के 72 वें सत्र में शामिल होने गई हैं, जहां वह संयुक्त राष्ट्र में रोहिंग्या के संकट के मुद्दे को उठाने की योजना बना रखा है।