नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने मुस्लिम रोहिंग्या के बारे में केंद्र सरकार के निर्णय का समर्थन व स्वागत करते हुए कहा है कि देश में कई स्थानों पर रोहिंग्याओं को आतंकवादी गतिविधियों के कारण पकड़ा जा चुका है.
विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव डा सुरेन्द्र कुमार जैन ने आज एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि वे जहां पर भी रहते हैं, वहां की कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन जाते हैं और सब प्रकार के अवैध कार्य करते हैं. इसके बावज़ूद उनको जिस तरह का समर्थन सेक्युलर माफिया से मिल रहा है, यह चिंता का विषय है.
रोहिंग्या मुसलमानों के पक्ष में मुस्लिम समाज द्वारा पूरे देश में उग्र व आक्रामक प्रदर्शन भी किये जा रहे हैं. ऐसे हर मौकों पर मुसलमानों की उग्रता भविष्य के लिए खतरा बन सकती है. जयपुर की दुर्भाग्यजनक घटना के मूल में यह उग्र प्रदर्शन ही था. विहिप की अपील है कि राष्ट्रीय चिंतन वाले मुस्लिम नेताओं और सरकारों को इस प्रवृत्ति पर रोक लगानी चाहिए, नहीं तो ये कुछ भी रूप धारण कर सकता है.
विहिप महासचिव ने कहा कि अभी तक यही माना जा रहा था कि यह मुस्लिम बौद्ध संघर्ष का ही विषय है. परन्तु पिछले दिनों म्यानमार और बंग्लादेश में रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा रोहिंग्या हिन्दुओं की निर्मम हत्याओ और उनकी महिलाओं के साथ बर्बर बलात्कारों से यह सिद्ध हो गया है कि रोहिंग्या मुसलमान सभी गैर मुसलमानों के लिए समान रूप से बर्बर और क्रूर है. 100 से अधिक हिन्दुओं की निर्मम हत्या इन्हीं दिनों में हुई हैं जिनमें से 45 के शव जमीन में दबे मिले हैं.
सैकड़ों हिन्दू लापता हैं. उनके घरो में रोहिंग्या मुसलमानों ने ही आग लगायी है. बंग्लादेश के राहत शिविरों में भी इनका कहर थम नहीं रहा है. हिन्दुओं का बलात धर्मान्तरण किया जा रहा है. महिलाओं का सिंदूर पोंछ कर चूड़ियां तोड़ी जा रही हैं. लड़कियों को “सैक्स स्लेव ” बनाकर क्रूरतम व्यवहार किया जा रहा है. शायद रोहिंग्या मुसलमान विश्व की क्रूरतम प्रजाति है. भारत में भी यही क्रूर चेहरा कई बार सामने आता है. इनके लिए ” नयों को घुसने नहीं देंगे , पुरानों को निकालेंगे” की नीति आवश्यक है.
परन्तु रखाइन हिन्दू सब प्रकार से पीड़ित हो रहे हैं. उनकी प्राथमिकता भारत में स्थायी रूप से बसने की भी नहीं है. वे म्यांमार के किसी भी बौद्ध याहिन्दू बहुल स्थान पर बसने के लिए तैयार हैं. उन्हें शरणार्थी का दर्जा देकर सुरक्षित व सुखी जीवन देना केंद्र सरकार का नैतिक और संवैधानिक दायित्व भी है. उनको रोहिंग्या मुसलमान घुसपैठिये से अलग करके देखना होगा.
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल द्वारा जारी बयान में डा जैन ने सरकार से अपील की है कि केंद्र सरकार बंगलादेश सरकार पर दबाव डालकर रखाइन हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करवाए. म्यानमार सरकार से उन्हें किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर बसाने का आग्रह करें.
विहिप का एक प्रतिनिधि मंडल मा. विदेश मंत्री , बांग्लादेश और म्यांमार के उच्चायुक्तों से मिलकर रखाइन हिन्दुओं की स्थिति के बारे में उनको अवगत कराएगा और शीघ्र ही आवश्यक कार्यवाही करने का आग्रह करेगा. विहिप द्वारा म्यांमार, बंगलादेश व भारत में रोहिंग्या पीड़ित हिन्दुओं के लिए राहत शिविर प्रारम्भ कर दिए गए हैं.