रोहिंग्या मुस्लिम महिला की आपबीती, सैनिकों ने आकर अंधाधुंध गोलियां चलाईं और…

म्यांमार में बसे अल्पसंख्यक मुसलमानों पर हो रही हिंसा में अब तक 400 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

म्यांमार छोड़ कर बांग्लादेश की तरफ रोहिंग्या मुसलमानों का पलायन अभी भी जारी है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, कई लाख रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश के साथ-साथ अन्य देशों में पलायन कर चुके हैं।

कतर की न्यूज़ एजेंसी अल जज़ीरा ने अपनी एक रिपोर्ट में रोहिंग्या हिंसा की पीड़ित महिला से बातचीत की। इस महिला का नाम राशिदा है और ये म्यांमार से भागकर बांग्लादेश आई है। राशिदा म्यांमार के सर्वाधिक हिंसा प्रभावित रखाइन प्रांत की रहने वाली हैं।

उन्होंने बताया कि वहां पर वह एक बेहद सामान्य और शांतिपूर्ण जिंदगी जीती थी। हमारे पास घर था, जिसमें मैं, मेरा पति और तीन बच्चे रहते थे। हमारे पास खेत थे, जिसमें हम लोग खेती करते थे।

लेकिन हिंसा भड़क जाने के बाद हमारे खेत और घर जला दिए गए।  अपना सब कुछ वहीँ छोड़कर बचने के लिए बांग्लादेश भाग आये।

राशिदा ने बताया कि सेना ने गांववालों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। उस वक़्त मैं भी अपने बच्चों के साथ जंगल में छिप गई।

जब मैं दोबारा घर गई तो देखा कि कई लोग गोलियों से मारे जा चुके हैं। जंगल के रास्त से होते हुए हम आठ दिन पैदल चलकर बांग्लादेश की सीमा पर पहुंचे।

अब बांग्लादेश में एक कैंप में रह रही राशिदा बहुत खुश नहीं हैं। उसका कहना है कि उन्हें अपने घर की याद आती है। यहां हम नाउम्मीद है। पता नहीं हमारा भविष्य क्या होगा?”