रोहिंग्या शरणार्थी संकट का हल सिर्फ म्यांमार में ही निकाला जाना चाहिए: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट की मानव आधिकार संगठन के एक ऑफिसर ने म्यांमार में पिछले 25 अगस्त से शुरू होने वाले हिंसा के बाद 5 लाख रोहिंग्या शरणार्थियों के बेघर होने और बांग्लादेश में पनाह लेने पर गंभीर चिंता व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस संकट का मूल कारण म्यांमार में ही हैं, और इसे केवल म्यांमार में ही हल किया जाना चाहिए।

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संयुक्त राष्ट्र के आपातकालीन राहत समन्वयक मार्क लोकाक ने कॉक्स बाज़ार में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि इस समस्या का मूल कारण म्यांमार में ही हैं और इसका समाधान म्यांमार में ही खोजने की जरूरत है।

श्री लोकाक ने कहा कि बचाव अभियान तेजी से चल रहा है, लेकिन इसे और अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है। पिछले छह सप्ताह से सहायता समूहों ने 90 मिलियन से अधिक भोजन पैकेट वितरित किए हैं और 3 लाख से अधिक लोगों को पेय जल और स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने में मदद की है। एक लाख से अधिक बच्चों को टीका लगाया गया है।

श्री लोकाक ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि अस्थायी शिविरों में हालात भयानक हैं। हमने अब तक जो कुछ भी किया है, इसे और अधिक सक्रिय करने के लिए बहुत कुछ करना है।