रोहिंग्या मुस्लिमों की झोंपड़ियों में लगाई आग, 1 महीने में जम्मू छोड़ने की मिली थी धमकी

जम्मू के उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने भगवतीनगर में रोहिंग्या शरणार्थियों की झोंपड़ियों में आग लगाने की कड़ी निंदा की है। सांप्रदायिक तत्वों द्वारा की गई इस हरकत को एसोसिएशन ने बेहद भयावह अपराध बताया है।

एसोसिएशन के महासचिव बशीर सिद्दीक़ ने एक बयान जारी कर कहा है कि कुछ पुलिस अधिकारी इस अपराध को शॉर्ट सर्किट का मामला बताकर अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

बता दें कि 7 अप्रैल को जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जेसीसीआई) के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने धमकी देते हुए कहा था कि अगर एक महीने के अंदर रोहिंग्या मुस्लिमों को जम्मू से बाहर नहीं भेजा गया तो वह हिंसा पर उतर आएंगे।

उन्होंने कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थियों और बांग्लादेशियों के खिलाफ ‘पहचानो और मारो’ अभियान शुरू करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचेगा। यदि वे इस राज्य के नागरिक नहीं हैं तो उन्हें मौत दी जाए तो उसे अपराध नहीं माना जाएगा।

हालाँकि इस बयान के बाद हुई व्यापक निंदा के बाद राकेश गुप्ता ने 9 अप्रैल को अपना बयान वापस ले लिया था।

मीडिया के अनुसार इस बयान के करीब एक हफ्ते बाद जम्मू के बाहरी इलाके पट्टा बोहरी में एक रोहिंग्या परिवार की पिटाई की गई और राज्य छोड़ने की धमकी दी गई है।

उधर, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रोहिंग्या शरणार्थियों को धमकाने के लिए जेसीआईआई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

गौरतलब है कि जम्मू और कश्मीर का अपना संविधान और कानून है जिसके तहत देश के बाकी हिस्सों में रहने वाले लोग यहां आकर नहीं बस सकते लेकिन विदेशी शरणार्थियों को यहां बसाया गया है।

प्रदेश में करीब 10,000 मुस्लिम शरणार्थी हैं जो ज्यादातर हिंदू बहुल जम्मू में बसे हुए हैं। इसके पहले भी रोहिंग्या मुस्लिमों को जम्मू के बाहर भेजे जाने की मांग की जाती रही है।