रोहिंग्या मुस्लिम आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के लिए खतरा भारत-बांग्लादेश सीमा सील हो : विहिप

नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को देश में रोहिंग्या मुस्लिमों को आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में घोषित करने सम्बन्धी एक प्रस्ताव पारित किया।

रोहिंग्या घुसपैठ के मुद्दे से निपटने के लिए विहिप ने सरकार को सभी रोहिंग्याओं के पुशबैक करने वाले कानून को लागू करने की मांग की और कहा कि पूरी तरह से भारत-बांग्लादेश सीमा को सील कर सीमाओं पर बीएसएफ के साथ अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया जाए।

साथ ही यह भी मांग की कि एक संसदीय समिति का गठन किया जाए। विहिप ने देश के लोगों से सामाजिक और आर्थिक रूप से रोहिंग्या का बहिष्कार करने और उनको पुलिस को सौंपने का आग्रह किया।

यह भी कहा कि वह अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करेगा लेकिन इसके सामने एक मस्जिद का विरोध व्यक्त किया। विहिप के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि उन्हें इस साल के अंत तक अदालत के आदेश की उम्मीद है जो मंदिर के पक्ष में होगा।

साथ ही कहा, हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट जुलाई से मामले में सुनवाई शुरू करे। हम उम्मीद करते हैं कि इस साल के अंत तक इसका फैसला आएगा और निर्माण अगले साल शुरू होगा।

यहां संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम मंदिर क्षेत्र में मस्जिद नहीं चाहते हैं। अगर हमारे मुस्लिम भाई इसके बाहर एक मस्जिद चाहते हैं, तो हमें कोई समस्या नहीं होगी।

कुमार ने यह भी कहा कि प्रवीण तोगडिया के नए हिंदू संगठन अंतराष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) बनाने से उनके संगठन पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि तोगडिया की वापसी के लिए विहिप में दरवाजे खुले हैं।