नई दिल्ली: यूपी चुनाव के सातवें चरण के मतदान से पहले टीवी चैनल लखनऊ मुठभेड़ को लाइव दिखा रहे थें। एक तरफ़ चुनावी प्रोग्राम तो और दूसरी तरफ़ मुठभेड़ की पल-पल की रिपोर्टिंग। चारों तरफ़ उत्तेजना ही उत्तेजना। अंत में बताया गया कि ‘आईएसआईएस आतंकी’ मारा गया।
लखनऊ में मुठभेड़ शुरू होते ही तमाम चैनल सैफुल्लाह के आईएसआईएस लिंक का खुलासा करने लगे। जिसमें एक चैनल ऐसा भी था, जिसने सैफुल्लाह के आईएसआईएस से लिंक वाली बात पर लिंक की जगह ‘लिंग’ लिख दिया। ये कारनामा है ‘आज तक’ का, जो खुद को न्यूज़ चैनल की फेहरिस्त में नंबर एक पर रखता है।
वहीँ दूसरी तरफ इंडिया टीवी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए ठाकुरगंज के उस घर को आईसआईएस का हेडक्वार्टर तक घोषित कर दिया। कमोबेश हरेक चैनल इसी लाइन पर रिपोर्टिंग कर रहें थें।
जबकि ऑपरेशन ख़त्म होने के बाद ही पुलिस ने यह साफ़ कर दिया था कि सैफ़ुल्लाह का आईएसआईएस से कोई कनेक्शन नहीं था।
हद तो तब हो गई जब एडीजी दलजीत चौधरी द्वारा सैफुल्लाह के आईएसआईएस कनेक्शन की बात का खंडन करने के बाद भी दूसरे दिन (9 मार्च, दोपहर 1 बजकर 10 मिनट) ‘आज तक’ ने सैफुल्लाह को आईएसआईएस ट्रेन्ड आतंकी बताया।
ऐसे में अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं कि अगर नंबर एक से तीन तक के चैनल का ये हाल है तो बाकी के नंबर वाले चैनलों का क्या हाल होगा।
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