मुस्लिम अफ़सर ने बनाया था CM योगी को गोरखनाथ मठ का उत्तराधिकारी

गोरखपुर। वह सर्दियों का दिन था जब अधिवक्ता धर्मेंद्र ने रजिस्ट्रार कार्यालय में आकर उप-रजिस्ट्रार शोएब अहमद को बताया कि गोरखनाथ मठ के तत्कालीन महंत अवैद्यनाथ चाहते हैं कि आप उन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करें जिनमें योगी आदित्यनाथ को मठ का उत्तराधिकारी घोषित किया जाना है। यह 13 फरवरी 1997 का दिन था और उस समय यूपी के मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ की उम्र महज़ 24 साल थी।

उप-रजिस्ट्रार शोएब यह सुनकर बिल्कुल हैरान हुए। उन्होंने पूछा कि इन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मुझे क्यों चुना गया जबकि गोरखपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय में हिंदू रजिस्ट्रार भी काफी हैं।

वकील ने जवाब दिया कि योगी अवैद्यनाथ व्यक्तिगत रूप से चाहते हैं कि आप ही इन दस्तावेज पर हस्ताक्षर करें क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर कोई मुस्लिम इस महान परंपरा का गवाह रहेगा तो वह इसका एक हिस्सा बन जायेगा जो समाज के हित में होगा।

शोएब अहमद अब्बासी ने बताया कि वे बातचीत के लिए मठ गए और तत्कालीन महंत अवैद्यनाथ से मिले। इस दौरान उन्होंने मुझे समझाया कि वे युवा योगी आदित्यनाथ को उत्तराधिकारी बनाने की संवैधानिक औपचारिकताएं पूरी करना चाहते हैं।

यह सुनकर मैंने उनसे कहा कि मैं इस ऐतिहासिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए सहमत हूँ। फिर योगी आदित्यनाथ को उनके सामने लाया गया जो उनके साथ मेरी पहली मुलाकात थी।

योगी उस समय बहुत मासूम थें और भेंट के दौरान बहुत ही विनम्र तरीके से पेश आये। मैंने कभी सोचा भी नहीं था यह युवक भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य का मुख्यमंत्री बनेगा।

शोएब ने बताया कि जब इन दस्तावेजों पर उन्होंने हस्ताक्षर किये तो काफी गर्व हो रहा था। मैंने उस समय योगी को बताया था कि मैं सिर्फ इन पर हस्ताक्षर ही नहीं करूँगा बल्कि हस्ताक्षर के नीचे लाल अक्षरों में लिखूंगा कि मुझे इस ऐतिहासिक परिवर्तन का हिस्सा होने पर गर्व है और मैंने ऐसा ही किया।

उन्होंने बताया कि आज मुझे बहुत खुशी है कि योगी आदित्यनाथ राज्य के मुख्यमंत्री हैं। इसके लिए मुझे अपने विभाग के पूर्व सहयोगियों से बधाइयाँ मिल रही हैं। मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री बनकर योगी आदित्यनाथ प्रदेश के लोगों की सेवा करेंगे।