RSS और BJP का महात्मा गांधी विरोधी छवि को खत्म करने की कोशिश, गांधी जयंती पर विशेष कार्यक्रम का प्रस्ताव

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी में गुरुवार को शुरू हुई आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की समन्वय बैठक में इस बात पर चिंता व्यक्त जताई गई कि संगठन और पार्टी महात्मा गांधी विरोधी छवि कैसे समाप्त की जाए. भोपाल में जारी दो दिवसीय बैठक की शुरुआत में ही इस बात का उल्लेख किया गया कि संघ और भाजपा को कई राजनीतिक पार्टियां ‘महात्मा गांधी विरोधी करार देने से नहीं चूकते हैं, बल्कि वह अपनी इस कोशिश में सफल भी हो रहे हैं। आखिर इन प्रयासों को कैसे नाकाम बनाया जाए।

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सूत्रों के अनुसार संघ के नेता भैया जी जोशी ने भी महात्मा गांधी को लेकर आरएसएस और भाजपा की ‘गांधी विरोधी छवि का जिक्र किया। बैठक में विरोधियों के ‘प्रचार से निपटने के लिए रणनीति बनाने पर भी जोर दिया गया। इसके अलावा गांधी जयंती से एक विशेष अभियान चलाने का प्रस्ताव भी पेश की गई।
उल्लेखनीय है कि अगले साल उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और आरएसएस और भाजपा के नेता इस चुनाव में किसी तरह का खतरा मोल लेना नहीं चाहते। दोनों की राय है कि देश के ज्यादातर लोग जिन्हें पूजते हैं, सत्ता हासिल करने के लिए हमें भी पूजना होगा। यही कारण है कि भाजपा ने पहले डॉ। भीमराव अंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई और खुद को दलितों का हिमायती बताने की कोशिश की
इसके बाद चंद्रशेखर आजाद की जन्मभूमि पर विशेष कार्यक्रम किया गया और अब खुद को महात्मा गांधी का अनुयायी बताने की रणनीति भी तैयार की जा रही है। स्वच्छ भारत अभियान से लोगो में महात्मा गांधी के चश्मे का उपयोग पहले ही कर लिया गया है।
सूत्रों के अनुसार संघ और भाजपा में इस बात पर विचार किया जा रहा है कि पार्टी की सर्वसमाज के रूप में छवि कैसे बनाई जाए और विरोधी दलों की गलत विज्ञापन का कैसे मुकाबला किया जाए। गांधी जयंती पर कार्यक्रम आयोजित करने पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि इस कार्यक्रम प्रारूप क्या होगा, कितने दिनों चलेगा।