RSS कार्यकर्ता ने लगाया आरोप संगठन के कहने पर किया था चर्च पर हमला

तिरुवनंतपुरम : एक पूर्व आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा संघ परिवार के खिलाफ बयान देने से केरल में हंगामा पैदा हो गया है|

तिरुवनंतपुरम से एक नौजवान ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने उसे एक सीपीआई (एम) के एजेंट होने का आरोप लगाते हुए प्रताड़ित किया है | तिरुवनंतपुरम में कराकुल्म पंचायत के एक आरएसएस कार्यकर्ता 25 वर्षीय एस विष्णु का कहना है कि वह सात साल की उम्र से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शाखा में जाता था | विष्णु ने आरोप लगाया कि आरएसएस के कार्यकर्ताओं द्वारा उसे लगभग 38 दिनों से बंधक बनाया हुआ था | उसने बताया कि उसको सीपीआई (एम) के कन्नूर जिला सचिव पी जयराजन के ख़िलाफ़ सुसाइड नोट लिखने के लिए मजबूर किया गया था| विष्णु तिरुवनंतपुरम को जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है|

विष्णु ने आरोप लगाया कि आरएसएस गतिविधियां अवैध हो गयीं | उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले साल एक सांप्रदायिक हिंसा में मुझे आरोपी बनाया गया था उस घटना में मुझे चर्च पर पथराव करने के लिए कहा गया था | रमजान के दौरान भैंसों से भरे एक वाहन को रोकने में आरोपी रहा हूँ | ये सब मैंने इन लोगों को कहने पर किया था लेकिन इसके बाद भी वो मुझसे खुश नहीं थे |

उन्होंने कहा कि कुछ युवा सदस्यों द्वारा संगठन से इस्तीफा देने के बाद उसी क्षेत्र में एक 30 सदस्यों के समानांतर संगठन के रूप में कार्य कर रहे थे| हमें तभी से धमकी मिल रही थी | एक सीपीआई (एम) के सदस्य कन्नूर धनराज की हत्या के मामले में आरोपी आरएसएस का सदस्य कन्नन तिरुवनंतपुरम आया था | उसने इलाक़े में तनाव पैदा करने के लिए भाजपा के झंडे को नष्ट किया था | उन्होंने कहा कि हमने इस घटना पर सवाल उठाते हुए इस गतिविधि के बारे में पुलिस को सूचित किया किया था | उन्होंने आरोप लगाया है कि उस घटना के बाद आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ साजिश रची और उन्हें मारने की कोशिश की|

विष्णु का कहना है कि आरएसएस कार्यकर्ताओं ने उसे कोल्लम और तिरुवनंतपुरम जिलों में विभिन्न हिरासत में रखा | वे मुझसे संघ की बात मानने पर ज़ोर दे रहे थे| उन्होंने दावा किया कि उन्होंने मुझे 86 घंटे भूका और जगाये रखा |

मैं हैरान और दुखी था कि मैंने  18 साल तक  संघ के लिए काम किया है और अब वे मुझे मारने की कोशिश कर रहे हैं| उन्होंने मुझे कहा कि मैं एक  एक सुसाइड लिखूं जिसमें मैं अपनी मौत के लिए पी जयराजन को ज़िम्मेदार बनाऊँ| मैंने उनसे विनती की कि मुझे न मारें लेकिन उन्होंने कहा कि वह मुझे समुद्र के बीच में छोड़ देंगे |

उन्होंने कहा कि वह 22 जनवरी को जब सभी आरएसएस कार्यकर्ता अमृतानंदमयी यात्रा करने के लिए गये | मुझे मौक़ा मिल गया और मैं  उनके चंगुल से बचकर भाग निकला  | वे मुझसे कह रहे थे कि मुझे कन्नूर में आरएसएस कार्यकर्ताओं को सौंप दिया जाएगा और मैं जानता था  कि वे मुझे मार डालेंगे |