RSS के स्कूल से पढ़े मुस्लिम स्टूडेंट्स ने किया असम में टॉप

गुवाहाटी : असम में संघ परिवार के तालीम अदारा विद्या भारती की तरफ से चल रहे स्कूल में पढ़ने वाले एक मुस्लिम स्टूडेंट्स ने हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (HSLC) इम्तिहान में टॉप की है। मंगल को घोषित हुए रिजल्ट में, सरफराज हुसैन ने दसवीं की इम्तिहान टॉप करते हुए 600 में से 590 पॉइंट्स हासिल किए। 16 साल का सरफराज शंकरदेव शिशु निकेतन, बेटकुची में पढ़ता है। यह गुवाहाटी के दक्षिण में वाके है और इसे शिशु शिक्षय समिति, असम संचालित करती है, जो विद्या भारती से एफिलेटेड है। सरफराज ने कहा, ‘मुझे फ़क्र है कि मैं इस स्कूल का स्टूडेंट्स हूं।’ शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्वा सर्मा ने सरफराज से मुलाकात कर उसे मुबारकबाद दी और अपने ट्विटर अकाउंट पर ये तस्वीर भी शेयर की. इंजीनियर बनने की चाहत रखने वाले सरफराज ने कहा, ‘स्कूल की बदौलत ही मैं रियासत में टॉप कर सका हूं। सरफराज ने संस्कृत में लेखन कोंपीटीशन और वाद-विवाद कंपीटीशन में भी इनाम जीते हैं। दो साल पहले सरफराज ने ऑल-गुवाहाटी गीता रीसाइटेशन कॉन्टेस्ट भी जीता था। सरफराज ने बताया, ‘मुझे संस्कृत में प्रार्थना बोलने में कोई मसला नहीं है, मैं गायत्री मंत्र भी पढ़ता हूं।’ उन्होंने बताया कि 8वीं क्लास तक वह संस्कृत में 100/100 नंबर लाते रहे थे।

गुवाहाटी के एक होटल में काम करने वाले सर्फ़राज के वालिद हुसैन ने कहा, ‘मैं जब पहली बार अपने बेटे को यहां लेकर आया था, हेडमास्टर ने मुझसे पूछा कि क्या मैं अपने फैसले को लेकर पुख्ता हूं। हेडमास्टर ने आगे कहा कि मेरे बेटे को कई श्लोक पढ़ने होंगे जिसमें गायत्री मंत्र और सरस्वती वंदना भी शामिल है। मैंने इसपर मंजूरी देते हुए कहा कि मैं ऐसी तालीम पर जोर देना चाहता हूं जो गुणवत्तापूर्ण हो और सख्शियत की तामीर करे। इसके अलावा, हुसैन ने कहा कि वह दरांग जिले के पथारूघाट के रहने वाले हैं, ये वो जगह है जहां हिंदू और मुस्लिमों ने मिलकर 1884 में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था। अगर हमारे पूर्वज हिंदुओं के साथ मिलकर अपनी जिंदगी कुर्बान कर सकते हैं तो मुझे कोई वजह नजर नहीं आती कि आखिर क्यों मेरे बच्चे को ऐसे स्कूल में नहीं पढ़ना चाहिए।