RSS को डर, नाराज दलित धर्म परिवर्तन का रास्ता न चुन ले

दलितों पर हुए हमलों की घटनाओं से होने वाले नुकसान को भांपते हुए आरएसएस ने डैमेज कंट्रोल की कमान संभाल ली है. गुजरात और उत्तर प्रदेश दोनों ही राज्यों में अगले साल चुनाव होने हैं और ऊना में दलितों की पिटाई के मुद्दे पर बीजेपी बैकफुट पर है लिहाजा संघ अब दलितों को लुभाने की योजना बनाने में जुट गया है. इसकी शुरुआत आरएसएस ऊना से ही कर रहा है जहां दलितों के लिए सामाजिक समरसता आयोजन किया जाएगा.

इस कार्यक्रम के तहत संघ के प्रचारक और स्वयंसेवक दलितों के घर जाकर संघ के इतिहास की जानकारी देनें के साथ ही दलितों को बताएंगे की संघ अपनी स्थापना के समय से दलितों के साथ रहा है. संघ के स्वयंसेवक रक्षाबंधन का कार्यक्रम दलित बहनों के साथ मनाकर सामाजिक समरसता का संदेश देने की कोशिश करेंगे. संघ दलित संतों और दलित विद्वानों के साथ भी संवाद का कार्यक्रम करेगा. संघ को इस बात का डर सता रहा है कि कही दलित नाराज होकर धर्म परिवर्तन की राह न पकड़ ले.