राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा कि भारत माता न ही एक प्रतिमा है और न ही एक नारा बल्कि वह एक विचार, एक अवधारणा, एक विश्वास है तथा इसे केवल एक नारा बताकर इसकी महत्ता कम नहीं की जा सकती है।
आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइजर’ के ताजा अंक में प्रकाशित लेख में पूर्व राज्यसभा सांसद शाहिद सिद्दीकी ने ‘भारत माता की जय’ के नारे के इस्लाम के खिलाफ होने को सिरे से खारिज कर दिया।
यह विवाद सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए की जाने वाली गंदी राजनीति का हिस्सा है।
शाहिद सिद्दीकी उर्दू के नामचीन अखबार नई दुनिया के चीफ एडिटर भी है