नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने जयपुर मे चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल में आरक्षण पर विवदित बयान दिया था, जिसका पुरे देश में चौतरफा निंदा हो रही है. मनमोहन के इस विवादित बयान पर कई पार्टी भी नाराज हैं और इसके खिलाफ में बयान भी दिए. इसके बाद केंद्रीय मंत्री और दलित राजनीति के बड़े नेता व लोजपा प्रमुख रामविलास पासवाल ने भी अब मनमोहन के इस बयान पर हमला बोला है.
नेशनल दस्तक के अनुसार, रामविलास पासवान ने मनमोहन वैद्य के बयान पर कड़ी आलोचना करते हुए ट्वीट के जरिए लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने साफतौर पर स्पष्ट किया है कि जब तक वह जिंदा हैं, तब तक देश में आरक्षण लागू रहेगा. आरक्षण दान नहीं है. आज देश की 85 फीसदी जनता को आरक्षण का लाभ मिलता है, और ऐसे में इसे खत्म कर देना नामुमकिन है. आरक्षण बाबा साहेब आम्बेडकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बीच हुए ‘पूना पैक्ट’ समझौते के तहत लागू किया गया था. यह कोई खैरात नहीं है.
वहीँ बसपा सुप्रीमो मायावती, कांग्रेस, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी वैद्य के इस बयान की तीखी आलोचना करते हुए कहा था कि, आरक्षण का अधिकार छीनना किसी के बस का नहीं है. ऐसा लगता है कि बीजेपी बिहार चुनाव से कोई सबक नहीं लिया है.
उल्लेखनीय है कि मनमोहन वैद्य ने आरक्षण पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि आरक्षण से अलगाव पैदा होता, इसे खत्म होना चाहिए. हालांकि, वैद्य ने इसकी भी वकालत की है कि जबतक गैरबराबरी है तब तक आरक्षण जारी रहे. उन्होंने कहा था कि आरक्षण को खत्म करना चाहिए और इसकी जगह ऐसी व्यवस्था लाने की जरूरत है जिसमें सबको समान अवसर और शिक्षा मिले.