सीएम से लेकर पीएम तक की लगाम हमारे हाथ, हमें कोई नहीं छू सकता: RSS

मध्य प्रदेश: बालाघाट जिले में 25 सितंबर को आरएसएस के जिला प्रचारक सुरेश यादव को गिरफ्तार कर मुश्किलों में घिरे इंस्पेक्टर जिया-उल-हक़ का कहना है कि गिरफ्तारी होने से आरएसएस प्रचारक और संघ के अहम को ठेस पहुंची है।

गौरतलब है जिया-उल-हक़ के साथ आठ पुलिस वालों पर सुरेश यादव से मारपीट करने, हत्या की कोशिश और डकैती का मामला दर्ज किया गया है जिस कारण जिया-उल-हक फरार चल रहे हैं।

इंडिया एक्सप्रेस से बातचीत में हक ने बताया है कि पुलिस में 90 प्रतिशत स्टाफ हिंदू है लेकिन इस मामले को हाई लाइट करने की पीछे की वजह धर्म से जुडी है। लेकिन मैं हमेशा सांप्रदायिक मामलों में सावधानी से पेश आता हूं। फिर भी मुझ पर स्थानीय चुनाव में मुस्लिम कैंडिडेट को सपोर्ट करने का आरोप भी लग चुका है।

हक़ का कहना है कि पुलिस टीम ने जब यादव को गिरफ्तार किया था तो उसका फोन भी सीज कर लिया गया था जिससे उसने वॉट्स एप के जरिए मैसेज भेजा था। उनकी गिरफ्तारी के बाद हिन्दू कट्टरपंथियों ने थाने को घेर हिंदूवादी नारे लगाने शुरू कर दिए। मेरे लेकर वह मुझे उनके हवाले करने और पाकिस्तान भेजने की बात कर रहे थे।

मेरे डिपार्टमेंट से भी कोई मेरे पक्ष में खड़ा नहीं हुआ जबकि यादव को मंत्रियों के फोन आ रहे थे। यादव की पहली मेडिकल रिपोर्ट में किसी तरह की इंजरी होने की बात सामने नहीं आई थी। हक का कहना है कि मुझे बिलकुल मालूम नहीं था कि अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करने का नतीजा मुझे ऐसे मिलेगा।
आपको बता दें कि बीते दिनों सोशल मीडिया पर मुस्लिमों के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करनेवाले आरएसएस कार्यकर्ता को गिरफ्तार करने वाले पुलिस को ही संघ की गुंडागर्दी का शिकार होना पड़ा और हत्या की कोशिश, लूट, जोर-जबर्दस्ती जैसे आरोपो का सामना करना पड़ा।

संघ ने पुलिस को ही धमकी देते हुए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, “तुम्हें जानते नहीं क्या कि तुम किस से दुश्मनी मोल ले रहे हो। हम मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री को भी उनके पद से हटा सकते हैं। हम सरकार बना सकते हैं और गिरा भी सकते हैं तो तुम्हारी क्या औकात है।
हमने ऐसा उदाहरण पेश किया है कि कोई पुलिस वाला उन्हें हाथ लगाने की दोबारा हिम्मत नहीं करेगा।