उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद हर तरफ भगवाकरण की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। स्कूलों और थानों के भवन का रंग भगवा किया जा रहा है, साथ ही शिक्षा में भी भगवाकरण की पुरी तैयारी चल रही है।
खबरों की माने तो उत्तर सरकार की मदद से चलने वाली स्कूलों और कॉलेजों में संघ के लोगों को भर्ती की जा रही है। इन प्रकिया को अंजाम देने के लिए फर्जी रास्ते अपनाए जा रहे हैं। भंडाफोड़ होने के बाद इस प्रकरण में करीब 11 लोगों पर एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है।
नवजीवन की खबर के मुताबिक इन पर फर्जीवाड़ा कर जाली शासनादेश तैयार करने और सरकारी पैसे के गबन समेत कई आरोप लगाये गये हैं। जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात आशुलिपिक और लेखाकार समेत राबर्ट्सगंज संस्कृत माध्यमिक विद्यालय और राष्ट्रीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय तरावां के कुल आठ सहायक अध्यापकों के नाम भी शामिल हैं
एफआईआर में दर्ज नामों में हिन्दू युवा वाहिनी और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और एक विशेष जाति समुदाय के लोगों के रिश्तेदारों के नाम भी हैं। उपलब्ध दस्तावेज और आरोपों की मानें तो इन फर्जी नियुक्तियों के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत इकाई के एक प्रभावशाली कार्यकर्ता का हाथ है जिन्होंने खुद ही फर्जी ढंग से रॉबर्ट्सगंज स्थित रॉबर्ट्सगंज संस्कृत महाविद्यालय में प्रवक्ता के पद पर नियुक्ति पाई है।