मुस्लिम महिलाओं के पहनावे पर फ़तवा जारी करने पर RSS ने किया कार्रवाई करने की मांग

मेरठ: इस्लामी शिक्षा केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं के लिए चुस्त बुर्का और भड़कीले कपड़े को गैर इस्लामी नाजायज़ करार दिया है। एक व्यक्ति द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दारुलइफ़ता की ओर से इस संबंध में फतवा जारी किया गया। जिसमें कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं का चुस्त टाइट बुर्का या ड्रेस पहनना गैर इस्लामी और नाजायज़ है।

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इस फतवे के बाद आरएसएस और अन्य मुस्लिम विरोधी संगठनों ने फतवे को महिला की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए फतवा जारी करने वाले लोगों पर प्रतिबंध और कार्रवाई की मांग की गई है। हालांकि फतवा के बारे में आलिमों का कहना है कि यह सही है और इसे मानना और न मानना सामने वाले की मर्जी पर है। फतवा कोई हुक्म नहीं सिर्फ पूछे गये सवाल का इस्लाम और शरीअत की रौशनी में एक जवाब है।

हालांकि इस सिलसिले में अब तक दारुल उलूम द्वारा प्रेस को कोई बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन इस फतवे की देवबंद के अन्य उलेमाओं ने समर्थन किया है। वहीं इस फतवे को जिसने भी हासिल किया, उसने सोशल मीडिया पर उसे अपलोड कर दिया, जिसके बाद इस पर जोरदार बहस शुरू हो गई है।