धर्मगुरू का लिंग काटने वाली लड़की पर RSS बयान बदलने का दबाव बना रही है!

केरल में एक धर्मगुरू का लिंग काटने के मामले में एक और चौंकाने वाला मोड़ आया है। 23 वर्षीय लड़की के प्रेमी ने दावा किया कि संघ परिवार के कुछ कार्यकर्ता उसे धर्मगुरु के खिलाफ अपना बयान वापस लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

20 मई की रात को महिला ने 54 साल के स्वामी श्रीहरि ऊर्फ गणेशानंद तीर्थपदा का लिंग काट दिया था जो सुर्खियों में आ गया था।

वह उस समय हुआ जब कथित तौर पर स्वामी ने महिला से बलात्कार करने की कोशिश की। केरल के मुख्यमंत्री पिनराय विजयन ने लड़की की सराहना की थी। 35 वर्षीय अयाप्पादास ने केरल उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की।

अपनी याचिका में अयाप्पादास का दावा है कि स्वामी पर विभिन्न वर्गों के तहत आरोप लगाया गया और उसको जमानत मिलना मुश्किल है इसलिए एक कुशल आपराधिक वकील के साथ संघ परिवार के कुछ कार्यकर्ता द्वारा आपराधिक साजिश रची गई थी।

पीड़ित के वकील नंबूथिरि के अनुसार तिरुवनंतपुरम में कन्नमूला में उनके घर से उसको जबरन हटा दिया गया और संघ परिवार के कुछ कार्यकर्ताओं के नियंत्रण में उन्हें अवैध रूप से नेडूमंगड में एक घर में ही रखा गया था।

खुद को बचाने के लिए आरएसएस के सदस्यों ने लड़की को अपना बयान बदलने और वकील अजीत कुमार को पत्र लिखने के लिए मजबूर किया है। महिला अपनी इच्छा के खिलाफ उनकी हिरासत में है और उसे अदालत के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।

यौन अपराध कानून अधिनियम (पोस्को) और आईपीसी 376 (बलात्कार के लिए सजा) समेत अन्य धाराओं में स्वामी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

इस मामले में बाद में श्रीहरि ने पुलिस के सामने दावा किया था कि उन्होंने ख़ुद ही अपना लिंग काटने को कहा था क्योंकि उन्हें लगता था कि ये उनके किसी काम का नहीं है।