RTI की पर कतरने की तैयारी? गृहमंत्री ने कहा आधिकारिक जानकारी देने के दायरे पर हो बहस

नई दिल्ली: गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आधिकारिक जानकारी देने की सीमा पर चर्चा की जानी चाहिए. केन्द्रीय सूचना आयोग के वार्षिक सम्मेलन में गृह मंत्री के मुताबिक अगर एलियन हमला कर दे, तो ऐसे हालात से निपटने के क्या तैयारी होनी चाहिए? आरटीआई के तहत ऐसी सूचना सरकार से मांगी जाती हैं, हालांकि हमारे विभाग ने जवाब देने की कोशिश की है, लेकिन जानकारी लेने के ऐसे प्रयास से बचना चाहिए, इसलिए सरकार के सूचना देने की सीमा क्या हो, इस पर चर्चा की जानी चाहिए।

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विशेषज्ञों का कहना है कि राजनाथ सिंह का यह बयान सूचना का अधिकार अधिनियम के पर कतरे जाने के एक संकेत है। क्योंकि कई मौकों पर सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी से जुड़े सवालों का जवाब देने से इनकार कर चुकी है।

न्यूज़ नेटवर्क मसूह प्रदेश 18 के अनुसार गृह मंत्री का कहना है कि शासन में जनता की भागीदारी हो, इसलिए आरटीआई बेहद जरूरी है। आरटीआई के जरिए सरकार की जवाबदेही बनती है, जिसका सरकार और नागरिकों को लाभ मिल रहा है। जीएसटी पर 40 हजार से अधिक प्रस्ताव आधिकारिक वेबसाइट पर मिलीं, जो बे मिसाल था। यह साबित हो गया कि सरकारी नीतियों में जनता की भागीदारी है और यह लगातार होनी चाहिए। इसके अलावा सरकारी काम अधिकतम ऑनलाइन होना चाहिए।
सरकार का मानना है कि नागरिकों को अपनी बात सरकार के दरवाजे पर जाकर कहने की जरूरत नहीं होगी, यह बात पारदर्शिता के माध्यम से की जा रही है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय सूचना आयोग सुनवाई करे और पिछले साल 11 हजार मामलों में इस तरह की सुनवाई होती भी रही है। सरकार ने यह भी साफ किया कि जानकारी कोई मांगता है, तो सरकार घबराती नहीं है, लेकिन कुछ अधिकारियों को दिक्कत जरूर होती है। अब तक इस सरकार के अब तक के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है, इसलिए छिपाने के लिए सरकार के पास कुछ नहीं है, सब कुछ सामने है।
आरटीआई के लागू होने के 11 साल पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार हर समय सही तरीके से सूचना देने के लिए तैयार रहती है।