RTI में खुलासा: दो साल में मोदी सरकार ने विज्ञापनों पर बहाए 1100 करोड़ रुपये

नोएडा। केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले दो साल में सिर्फ विज्ञापनों में ही 1100 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम खर्च कर चुकी है। इस बात का खुलासा आरटीआई के जरिए मांगी गई जानकारी से हुआ है। नोएडा के आरटीआई एक्टिविस्ट रामवीर ने आरटीआई दाखिल कर सरकार से जवाब मांगा था।
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क्या है RTI से मिली जानकारी?
रामवीर सिंह ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से सूचना के अधिकार के जरिए मोदी सरकार द्वारा 2014 से लेकर 2016 तक विज्ञापन पर किए गए खर्चे की जानकारी मांगी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र ने 2014 से लेकर अब तक 11 अरब 11 करोड़ 78 लाख रुपए खर्च किए हैं। इन पैसों को ब्रॉडकास्ट, कम्युनिटी रेडियो, डिजिटल सिनेमा, दूरदर्शन, प्रोडक्शन, इंटरनेट, एसएमएस के साथ-साथ अन्य खर्च शामिल हैं।
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2014 से 2016 तक खर्च हुए पैसे
2014: एक जून 2014 से 31 मार्च 2015 तक करीब 480 करोड़ रुपए खर्च।
2015: 1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2016 तक 520 करोड़ रुपए खर्च
2016: एक अप्रैल 2016 से 31 अगस्त 2016 तक 120 करोड़ रुपए खर्च।

हाल ही में आम आदमी पार्टी विज्ञापनों में फिजूल- खर्ची के आरोप भी केंद्र सरकार के निशाने पर आ चुकी है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में दिल्‍ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। CAG के अनुसार, आम आदमी पार्टी सिर्फ एक विज्ञापन अभियान पर 33.4 करोड़ रुपए खर्च किए, जिसका 85 फीसदी हिस्‍सा दिल्‍ली के बाहर खर्च किया गया। CAG की यह रिपोर्ट आम आदमी पार्टी सरकार की सत्‍ता के पहले साल में विज्ञापन पर किए गए धुआंधार खर्च पर उंगली उठाती है। ठीक उसी तरह बीजेपी भी इस RTI के जरिये बेनकाब हो रही है।