नई दिल्ली। फरीदाबाद निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता रविंद्र चावला ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग में आरटीआई डालकर पूछा था कि किस राज्य में कितने स्लॉटर हाउस हैं। उनमें पशुओं के काटने के नियम क्या हैं। इसका जो जवाब आया वह हैरान करने वाला था। बीफ को भारतीय राजनीति का केंद्रीय मुद्दा बना देने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए आरटीआई के जरिए हुआ एक खुलासा असहज स्थिति पैदा कर सकता है।
मांसाहार को भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताने वाली भाजपा के शासन वाले राज्यों में सबसे ज्यादा स्लॉटर हाउस हैं। पता चला है कि देश में चल रहे डेढ़ हजार से भी ज्यादा बूचड़खानों में से अधिकतर बीजेपी शासित राज्यों में ही चल रहे हैं। एक ऑनलाइन पोर्टल मे छपी खबर के मुताबिक भारत मांस निर्यात करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश बन गया है जबकि अपनी चुनावी कैंपेन में ‘गुलाबी क्रांति’ को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तत्कालीन मनमोहन सरकार को घेरते नजर आते थे।
महाराष्ट्र देश में मांस उत्पादन में नंबर वन है और वहां सबसे अधिक बूचड़खाने चल रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि नॉर्थ ईस्ट की ओर सबसे ज्यादा उंगलियां उठती हैं जबकि वहां सबसे कम स्लाटर हाउस हैं। जानकार इसे पार्टी और सरकार के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं और इसे कथनी-करनी का अंतर करार देते हैं।
देश भर में कुल 1623 स्लॉटर हाउस बताए गए हैं जिनमें से 675 तो भाजपा के शासन वाले राज्यों में हैं। अकेले महाराष्ट्र में ही 316 कसाईखाने हैं। 285 इकाइयों के साथ यूपी दूसरे नंबर पर है लेकिन ऐसे टॉप टेन राज्यों में महाराष्ट्र को छोड़कर भाजपा शासित तीन और राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब शामिल हैं। हरयाणा 21 जिले वाले इस छोटे से राज्य में भी 36 बूचड़खाने चल रहे , नरेंद्र मोदी के गृह क्षेत्र गुजरात में भी 38 इकाइयों में पशुओं का मांस निकालने का काम किया जाता है।
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