मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले में आरटीआई कार्यकर्ता की सोमवार रात अपहरण करने के बाद कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी.आरटीआई कार्यकर्ता का नाम मुकेश दुबे बताया जा रहा है जो की मुरैना ज़िले के सुमावली थाना क्षेत्र का रहने वाला था वायर हिंदी की ख़बर के मुताबिक सुबह आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश दुबे की लाश पुलिस ने मटकोरा जंगल से बरामद की. मृतक के परिजन का आरोप है की मुकेश को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं और इस बारे में पुलिस को सूचित किया गया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
जौरा अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) आरकेएस राठौर ने बताया कि सुमावली के निवासी आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश दुबे कुछ समय से अपने दूसरे घर मुरैना के विक्रमनगर में रह रहे थे. सुमावली पंचायत के कई मामलों की सूचना प्राप्त कर दुबे ने पंचायत पदाधिकारियों के ख़िलाफ़ अनेक शिकायतें की थीं. इस कारण कई लोगों से उनकी रंजिश चल रही थी. इसके अलावा उनके विरुद्ध भी कुछ आपराधिक मामले विचाराधीन थे.
उन्होंने कहा, ‘प्रारंभिक तौर पर मृतक के शरीर के चोटों के निशान से लगता है कि उन्हें बुरी तरह से मारा-पीटा गया. इससे उनकी मौत हो गई.’
एसडीओपी ने मृतक के पड़ोसियों के हवाले से बताया कि अज्ञात लोगों ने सोमवार रात मुकेश के मुरैना स्थित घर से उसका अपहरण कर लिया और जीप में उन्हें अपने साथ ले गए. पुलिस को उनकी लाश मंगलवार को सुमावली के मटकोरा जंगल में मिली है. पोस्टमॉर्टम कराए जाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है.
उन्होंने बताया कि मृतक के घर से उनके द्वारा की गई शिकायतों के कागज़ात मिले है. इसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.
मुरैना एसपी एपी सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, मृतक मुकेश दुबे पर धोखाधड़ी, हमला करने और आर्म्स एक्ट से जुड़े हुए नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
उन्होंने बताया कि सुमावली थाने के गुंडा लिस्ट में उनका नाम था. वह मैनपुरी के मूल निवासी थे और एक दशक से ज़्यादा समय से मुरैना में रह रहे थे. उनके आरटीआई एप्लीकेशन मुख्यत: ज़िला पंचायत और सरपंचों की कार्यप्रणाली से जुड़े हुई होते थे.