मदरसे की सूचना मांगने पर किया जा रहा था परेशान, RTI कार्यकर्ता निसार शेख ने की खुदकुशी

महाराष्ट्र के पुणे से RTI कार्यकर्ता निसार शेख की ख़ुदकुशी करने का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक निसार ने  सूचना के अधिकार के तहत मदरसे की जानकारी मांगी, तो RTI कार्यकर्ता को इतना परेशान किया गया कि उसने तंग आकर खुदकुशी कर ली. पुणे के दौंड निवासी 46 वर्षीय RTI कार्यकर्ता निसार शेख ने आत्महत्या करने से पहले एक वीडिया बनाया, जिसमें उन्होंने सारी हकीकत बयां की है.

निसार ने 11 लोगों पर खुदकुशी करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया है. निसार शेख ने वीडियो में कहा कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने की वजह से ये लोग उनको लगातार परेशान कर रहे थे, जिससे तंग आकर वो खुदकुशी कर रहे हैं.

निसार शेख ने वीडियो के जरिए अपील की कि इन 11 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद ही उसको दफनाया जाए. दरअसल, पुणे के दौंड के रहने वाले निसार शेख ने सूचना के अधिकार के तहत मदरसे की जानकारी मांगी थी. उनका यह काम कुछ पार्षद और राजकीय लोगों को नागवार गुजरा. इसके बाद इन्होंने निसार शेख को खूब तंग करना शुरू कर दिया, जिससे तंग आकर उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

 RTI कार्यकर्ता निसार शेख इन आरोपियों के जुल्म से इतना परेशान थे कि वो मरने के बाद भी इनको छोड़ना नहीं चाहते हैं. लिहाजा उन्होंने आत्महत्या करने के पहले अपने ऊपर अत्याचार करने वाले लोगों के नाम वीडियो में रिकॉर्ड कर गए. इसमें उन्होंने थानेदार निबालकर से गुहार लगाई कि उनको आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले लोगों के खिलाफ जब तक मामला दर्ज न किया जाए, तब तक उनकी लाश को न दफनाया जाए.

निसार शेख ने सुचना के तहत गोपालवाड़ी और लिंगाली स्थित मदरसे, स्कूल और महाविद्यालयों की जमीनों के बारे में जानकारी मांगी थी. निसार ने अपने वीडियो में यह भी आरोप लगाया कि उनको इस बाबत झूठी जानकारी उपलब्ध कराई गई थी, जिसकी शिकायत उन्होंने धर्मदाय आयुक्त, गृह मंत्रालय और पुलिस से की थी.

वीडियो में रोते-बिलखते निसार ने अपने दोस्त और करीबियों से कहा कि उनकी मौत के बाद कुछ लोग मामले के सुलह के लिए उनके परिजनों को धर्म का हवाला और मीठा झांसा देने का प्रयाश करेंगे, लेकिन आप लोग ऐसा मत होने देना. निसार शेख ने कहा कि जब तक आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों पर फौजदारी मामला दर्ज नहीं हो जाता है, तब तक उनकी लाश को कोई दफनाए नहीं.

सोर्स- आजतक