लोगों को कब मिलेंगे 15- 15 लाख?, PMO ने कहा- ‘ये बताना सुचना के अधिकार में नहीं’

2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने 15 लाख रुपए का जिक्र किया था फरवरी 2015 में अमित शाह ने कहा था कि ये एक जुमला था
नई दिल्ली।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि हर खाते में 15 लाख रुपए जमा होने के नरेंद्र मोदी के वादे को पूरा करने की तारीख बताना सूचना का अधिकार कानून के तहत ‘सूचना’ के दायरे में नहीं आता। लिहाजा, इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया जा सकता। पीएमओ ने केंद्रीय सूचना आयोग को यह जानकारी दी है।

– यह मामला एक आरटीआई अर्जी से जुड़ा है। अर्जी लगाने वाले मोहन कुमार ने नोटबंदी लागू होने के 18 दिन बाद 26 नवंबर 2016 को पीएमओ से यह जानकारी मांगी थी कि हर खाते में 15 लाख रुपए देने का मोदी का वादा कब पूरा होगा।

जवाब नहीं मिलने पर मामला केंद्रीय सूचना आयोग पहुंचा। – मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर ने कहा कि अर्जी लगाने वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री कार्यालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पूरी जानकारी नहीं दी।

आयोग के मुताबिक, पीएमओ ने कहा कि 15 लाख रुपए जमा करने की तारीख क्या होगी और नोटबंदी लागू होने की जानकारी प्रिंट मीडिया तक पहले कैसे पहुंची, इन दोनों के बारे में जानकारी आरटीआई एक्ट की धारा 2(f) के तहत सूचना के दायरे में नहीं आती।

क्या है धारा 2(f)? – आरटीआई एक्ट की इस धारा के तहत सूचना का मतलब ऐसे रिकॉर्ड, दस्तावेज, मेमो, ई-मेल, विचार, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, सर्कुलर, ऑर्डर, लॉगबुक, अनुबंध, कागजात, मॉडल्स, डेटा आदि से है जो इलेक्ट्रॉनिक या किसी भी स्वरूप में मौजूद हो और जिसका लोक अधिकारी इस्तेमाल करते हों।

मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान 15 लाख का जिक्र किया था मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक रैली में कहा था, ‘‘हमारा चोरी किया हुआ पैसा वापस आना चाहिए या नहीं? क्या कालाधन वापस नहीं आना चाहिए? चाेर-लुटेरों से एक-एक रुपया वापस लेना चाहिए या नहीं? इन रुपयों पर जनता का अधिकार है या नहीं? ये रुपया जनता के काम नहीं आना चाहिए या नहीं? ये जो चाेर-लुटेरों के पैसे विदेशी बैंकों में जमा हैं ना, वो अगर ले आए तो देश के गरीब आदमी को मुफ्त में 15-20 लाख रुपए यूं ही मिल जाएंगे।