अज़ान विवाद पर बोले सैफ़, हमें अपने मुसलमान होने का एहसास दिलाना पड़ता है

बॉलीवुड के छोटे नवाब सैफ अली खान यूँ तो बहुत कम ही सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए नजर आते हैं, लेकिन इस बार सैफ ने राष्ट्रवाद, हिन्दुत्ववाद, अजान जैसे कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय ज़ाहिर की है।

सैफ़ ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा है, “राष्ट्रवाद गज़ब की चीज है और विकास के लिए अहम भी। लेकिन क्या राष्ट्रवाद और हिंदुत्व एक ही है? मुझे ऐसा नहीं लगता। एक ऐसा देश जो धर्मनिरपेक्ष रहा है, यहां अल्पसंख्यक भी रहते हैं और ये बात उन्हें असहज कर देगी। ये बात मुझ पर लागू नहीं होती क्योंकि हम खाते-पीते लोग हैं और हमारी दुनिया अपने में सिमटी हुई है।”

उन्होंने आगे कहा कि मुझे तो हिंदू स्टेट में रहने से भी एतराज़ नहीं है, बस सभी के लिए क़ानून एक ही होना चाहिए।

इस दौरान सैफ अली खान ने फिल्म इंडस्ट्री में कलाकारों के अंदर मौजूद रहने वाले डर पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हम उस इंडस्ट्री में रहते हैं जो भय के आधार पर चलता है, लेकिन यही खौफ आपको आगे बढ़ने की प्ररेणा देता है, कुछ करते रहने को कहता है।

सिंगर सोनू निगम के टवीट के बाद देश में चल रहे अजान विवाद पर अभिनेता सैफ अली खान ने कहा है कि बतौर अल्पसंख्यक दुनिया में लोगों को अपनी मौजूदगी का एहसास कराना पड़ता है, लोगों को अपनी मौजूदगी की स्वीकार करवानी पड़ती है।

उन्होंने कहा कि एक स्तर पर मैं इस बात से सहमत हूं कि जितनी कम आवाज हो उतना ही अच्छा है, लेकिन मैं ये भी समझता हूं कि अजान के दौरान ध्वनि का विस्तार एक तरह से असुरक्षा की भावना से पैदा होती है। इस बारे में उन्होंने इजरायल का भी उदाहरण दिया। सैफ ने कहा कि यहां तीन धर्मों के लोग रहते हैं लेकिन यहां भी अजान लाउडस्पीकर से ही दी जाती है।