कासगंज दंगो की आग में जल रहा था, दंगो की वजह बिल्कुल साफ और सुनियोजित थी. हुआ कुछ ऐसा कि मुस्लिम समाज 26 जनवरी के दिन तिरंगा फहराने की तैयारियां कर रहा था और दूसरी तरफ आखिल भारतीय विद्या परिषद और विश्व हिन्दू परिषद के गुंडे अपनी गुंडागर्दी झाड़ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में पहुंचे और भगवा ध्वज लिए नारे लगा रहे थे !
#Kasganj is just the beginning. The low-grade communal fever will continue to persist and spread till the Lok Sabha Elections of 2019. Kasganj will be to 2019 what Muzaffarnagar was to 2014. Only this time, the reach will be much wider and the ramifications much deeper. . .
— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) January 28, 2018
सब नारे समाज में जहर घोलने वाले थे जैसे कि मुल्लो का एक ही स्थान पाकिस्तान या कब्रिस्तान , हिंदुस्तान में रहना होगा तो वन्दे मातरम कहना होगा इत्यादि !
मुस्लिम समुदाय द्वारा पुरजोर कोशिश करने के बाद भी इन तथाकथित राष्ट्रवादियों का तांडव चलता रहा है जिसको अंतिम अंजाम मुस्लिम समुदाय ने दिया और सारे गुंडे भाग खड़े हुए !
लेकिन दंगो कि नियत से आए विश्व हिन्दू परिषद कार्यकर्ता वापिस लौट कर हुड़दंग शुरू कर दिया और देखते ही देखते कासगंज दंगो में तब्दील हो गया
इस पर आईपीएस संजीव भट्ट का ताजा बयान आया है और उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लागते हुए ट्वीट किया कि कासगंज बस शुरुआत है आगे आगे देखो यह नफ़रत की आग भड़ती जाएगी क्यों की यह सब भाजपा द्वारा सुनियोजित है 2019 के आगामी लोकसभा चुनाव में हिंदुवादी लहर बनाने के लिए भाजपा ऐसा कर रही है जिसका और भी घटिया रूप आने वाले दिनों में दिखेगा