रामनवमी के दौरान पश्चिम बंगाल के आसनसोल में सांप्रदायिक हिंसा में अपने बेटे को खोने वाले इमाम ने एक बार फिर भावुक अपील की थी ।

If the Nobel Peace Prize could be awarded to an entire community, my vote would go to the Indian Muslims.
Whatever semblance of communal peace we see in India today, is wholly attributable to their deliberate refusal to react to the vilest form of prejudice and hatred possible. pic.twitter.com/oab3NEsrX5
— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) March 31, 2018

इसी को लेकर पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट ने तो भारतीय मुसलमानों को शाँति पुरुस्कार देने की बात कही है ,अपने ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए भट्ट ने लिखा है कि “अगर पूरे समुदाय को नॉबेल शांति पुरस्कार दिया जासकता है,तो मेरा वोट भारतीय मुसलमानों को जाएगा।क्योंकि जो कुछ भी धार्मिक सद्भावना हमें भारत मे देखने को मिल रही है वो इस वजह से है कि मुसलमानों अपने साथ होने वाले भेदभाव और नफरत के बावजूद रिएक्शन से अपने आपको रोक रखा है
गौरतलब है कि इमाम का 16 वर्षीय छोटा बेटा हफीज सबीतुल्ला मंगलवार को भड़की हिंसा के दौरान लापता हो गया था। अगले दिन उसका शव मिला। उसके शरीर और सिर पर गहरी चोट के निशान थे।
”