बर्खास्त IPS संजीव भट्ट को गुजरात हाईकोर्ट ने 10 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर सौंपने के आदेश दिए

शहर के वरिष्ठ एडवोकेट सुमेरसिंह राजपुरोहित को वर्ष 1996 में अफीम तस्करी में झूठा फंसाने के मामले में गुजरात सीआईडी (स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम) द्वारा गिरफ्तार किए गए गुजरात के बर्खास्त आईपीएस संजीव भट्ट को गुजरात हाईकोर्ट ने 10 दिन के लिए रिमांड पर सौंपने के आदेश दिए हैं। इस दौरान पुलिस पूर्व आईपीएस से सघनता से पूछताछ कर मामले से जुड़े कई आवश्यक तथ्य जुटा रही है।

पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती वकील से अफीम बरामदगी बताना है। पुलिस पूछताछ में पता कर रही है कि पूरा मामला पाली की एक दुकान को खाली कराने का होने के बाद भी अफीम कहां से लाई गई, उसे सप्लाई करने वाला कौन था।

इस बारे में पूछताछ की जा रही है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार 22 साल पहले हाईकोर्ट के पूर्व जज आरआर जैन, पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट तथा पूर्व एएसपी आईबी व्यास की साजिश के तहत पाली के वकील सुमेरसिंह राजपुरोहित को अफीम के झूठे मामले में फंसाते हुए उनको गिरफ्तार किया था।

मामले में पहले गुजरात पुलिस ने निचली अदालत में रिमांड पर सौंपने का आग्रह किया था, मगर निचली अदालत के जज ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद गिरफ्तार आईपीएस को जेल भेजा गया था। बाद में उच्चाधिकारियों के निर्देश पर गुजरात पुलिस ने हाईकोर्ट में रिमांड के लिए आवेदन किया।

मंगलवार को गुजरात के हाईकोर्ट में पेश किया गया, जहां से भट्‌ट को 10 दिन की पुलिस रिमांड सौंपने के आदेश दिए गए। जस्टिस आर.पी. धोलरिया की अदालत ने मामले को सुनने के बाद यह व्यवस्था दी। इस मामले की जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारियों ने मामला काफी गंभीर होने तथा कई तथ्यों पर आवश्यक पूछताछ के लिए 14 दिन का रिमांड देने का आग्रह किया था।