लखनऊ। अयोध्या में जल्द ही राममंदिर निर्माण की मांग करते हुए कई हिंदू संतों ने मंगलवार को कहा कि सरकार को उन सभी को स्वतंत्रता सेनानियों के बराबर मानना चाहिए जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान अपने जीवन का बलिदान किया या उस समय जेल में रहे थे.
हिंदू धार्मिक संतों की एक सभा में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया, ‘यह नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे उन लोगों को रामसेवकों का दर्जा दें और उनसे स्वतंत्रता सेनानी जैसा व्यवहार करें जिन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान अपने जीवन का बलिदान किया या जेल में रहे.’
यह प्रस्ताव पूरे देश के 50 महामंडलेश्वरों के चार दिवसीय सम्मेलन ‘वैचारिक महाकुंभ’ में पारित किया गया जिसका आयोजन मुम्बई के पास भायंदर में बीते 29 दिसंबर से एक जनवरी तक किया गया.