इलाहाबाद: बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारत, मुरली मनोहर जोशी समेत कई दिग्गज नेताओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केस चलाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले का साधू संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने स्वागत किया है।
परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि वह खुद और उनकी संस्था अदालत के इस फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन केस चलाए जाने का फैसला निराश करने वाला नहीं बल्कि आरोपी नेताओं के लिए गर्व जैसा है।
महंत नरेंद्र गिरी के मुताबिक़ अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ढाँचे को गिराना गर्व की बात है, इसलिए मुकदमा चलाना ही नहीं बल्कि कोई सजा मिलना भी गर्व करने लायक है।
महंत नरेंद्र गिरी ने इलाहाबाद में दिए गए बयान में कहा है कि बीजेपी नेताओं और साधू संतों ने कोई साजिश नहीं रची थी बल्कि ढांचा गिराने के लक्ष्य को तय किया था और हम सब अपने उद्देश्य में कामयाब हुए थे।
महंत नरेंद्र गिरि के मुताबिक़ समूचे हिन्दू समाज को ढांचा गिरने पर गर्व है और हम सब जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं। अगर मंदिर निर्माण के लिए फांसी भी चढ़ना पड़े तो किसी को दुख नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि सजा होने से पहले आरोपी नेताओं से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग करना गलत है और सभी को अंतिम निर्णय आने तक पद पर बने रहना चाहिए।
बता दें कि बाबरी विध्वंस के सालों बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार पर मुकदमा चलाने का जो आदेश दिया है, उससे इन नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
यूपी में भारी बहुमत मिलने के बाद बीजेपी पर जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण का दवाब भी बनाया जा रहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला बीजेपी की राह में मुश्किल ज़रूर खड़ी कर सकता है।